जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी CUCET के माध्यम से होंगें एडमिशन, अकादमिक परिषद की मुहर
क्या है खबर?
दिल्ली विश्वविद्यालय के बाद अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(JNU) में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (CUCET) के माध्यम से एडमिशन होंगे।
JNU प्रशासन ने बुधवार को अपनी अकादमिक परिषद की 159वीं बैठक में 2022-2023 सत्र से CUCET के माध्यम से विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने का निर्णय लिया।
कक्षा 12वीं के बाद एडमिशन से जुड़ी यह परीक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 का अहम हिस्सा है।
प्रस्ताव
अकादमिक परिषद की बैठक में CUCET के प्रस्ताव को मिला समर्थन
JNU के निदेशक (प्रवेश) जयंत त्रिपाठी ने बयान जारी कर बताया कि बुधवार को हुई बैठक में CUCET को अपनाने के प्रस्ताव को जबरदस्त समर्थन मिला।
उन्होंने आगे कहा, "अकादमिक परिषद की बैठक में विचार-विमर्श के दौरान स्कूलों के डीन, केंद्र अध्यक्षों और परिषद के बाहरी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि CUCET देश भर के कई योग्य छात्रों को एक समान अवसर प्रदान करेगा जिससे कई प्रवेश परीक्षाओं को देने का बोझ भी कम किया जा सकेगा।"
जानकारी
2019 से JNU आयोजित कर रहा था प्रवेश परीक्षा
बयान में बताया गया कि 2019 से विश्वविद्यालय अपने विभिन्न पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए सफलतापूर्वक देश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर JNU प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रहा था और यह परीक्षाएं कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) मोड में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) करवा रही थी।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी आयोजित करेगी CUCET परीक्षा
बता दें कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में NTA के माध्यम से CUCET का आयोजन किया जाएगा।
UGC ने एक आदेश में कहा था, "सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सामान्य प्रवेश परीक्षा के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है। ये परीक्षण उन न्यूनतम 13 भाषाओं में आयोजित होंगे, जिनमें NTA पहले से ही संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) आयोजित कर रहा है।"
आयोजन
साल में दो बार आयोजित कराई जा सकती है CUCET परीक्षा
बता दें कि NEP में देशभर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एकल प्रवेश परीक्षा के आयोजन का प्रस्ताव रखा गया था।
CUCET का उद्देश्य सामान्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग लेने की आवश्यकता को समाप्त करना होगा। यह देश में संपूर्ण शिक्षा प्रणाली पर बोझ कम करेगी।
यह परीक्षा विज्ञान, मानविकी, भाषा, कला और व्यावसायिक विषयों को कवर करेगी और इसे हर साल कम से कम दो बार आयोजित किया जाएगा।
न्यूजबाइट्स प्लस
क्या आप नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में ये बातें जानते हैं?
केंद्र सरकार ने साल 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी।
इसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है।
इस नीति में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक ही नियामक रखने और MPhil को खत्म करने का फैसला किया गया था।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनाई गई।
पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में ड्राफ्ट हुई थी और 1992 में इसमें संशोधन किया गया था।