नागरिकता कानून: कई इलाकों में मोबाइल कॉल और इंटरनेट बंद, रामचंद्र गुहा समेत कई हिरासत में
क्या है खबर?
दिल्ली समेत देश के कई शहरों में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया है।
दिल्ली में स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव और उमर खालिद समेत कई लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
वहीं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा को भी हिरासत में ले लिया गया।
गुहा आजाद भारत के इतिहास और महात्मा गांधी की जीवनी समेत कई किताबें लिख चुके हैं।
हिरासत
महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ खड़े थे गुहा
जिस समय गुहा को हिरासत में किया गया वह मीडिया से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "मुझे महात्मा गांधी की तस्वीर लेकर खड़े होने और मीडिया से बात करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।"
वहीं योगेंद्र यादव ने बताया कि उन्हें लाल किले के पास से हिरासत में लिया गया है और उनके साथ-साथ करीब हजार लोगों को हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने बताया कि उन्हें बवाना ले जाया जा रहा है।
ट्विटर पोस्ट
पुलिस हिरासत में रामचंद्र गुहा
Eminent historian and Gandhian @Ram_Guha manhandled in bengaluru
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) December 19, 2019
The state clampdown on our democratic rights is real#CAA_NRC pic.twitter.com/iUOkb8DFb7
जानकारी
दिल्ली के कई इलाकों में मोबाइल सेवाएं बंद
दिल्ली के कई इलाकों में सरकार के आदेश पर इंटरनेट, कॉल और मैसेज सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है। ट्विटर पर एक यूजर को जवाब देते हुए एयरटेल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार के आदेश पर ऐसा किया गया है।
हिरासत
इन लोगों को भी हिरासत में लिया गया
दिल्ली में जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें पटिलाया के धरमवीर गांधी, दिल्ली के पू्र्व सांसद और कांग्रेस संदीप दीक्षित और ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) की अध्यक्ष सुदेचा दे भी शामिल हैं।
वहीं बेंगुलरू के टाउन हॉल पर भी प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया।
इसके अलावा हैदराबाद में पुलिस ने चारमीनार के पास नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
प्रदर्शन
आज पूरे देश में एक साथ हो रहे हैं प्रदर्शन
इस कानून के खिलाफ आज पूरे देश में प्रदर्शन होने थे, लेकिन पुलिस ने इनमें से कई जगह प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी।
दिल्ली, बेंगलुरू और अहमदाबाद में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जबकि चेन्नई में इजाजत देने के बाद इसे वापस ले लिया गया।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में धारा 144 लगा दी गई है।
मुंबई, पुणे, हैदराबाद, नागपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता और भोपाल में प्रदर्शन की इजाजत दे दी गई है।
विरोध
क्यों हो रहा विरोध?
भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्षता और धर्म के आधार पर भेदभाव न करने की अवधारणा के खिलाफ पहली बार नागरिकता को धर्म से जोड़ने और मुस्लिम समुदाय के लोगों को इससे बाहर रखने इस कानून का विरोध हो रहा है।
वहीं पूर्वोत्तर के राज्यों में भी भाषाई और सांस्कृतिक कारणों से इसका विरोध हो रहा है। उन्हें डर है कि बांग्लादेश से आए हिंदुओं को नागरिकता मिलने पर वो अपने ही जमीन पर अल्सपंख्यक बन जाएंगे।
नागरिकता कानून
क्या है नागरिकता कानून?
नए नागरिकता कानून के अनुसार, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक अत्याचार का सामना कर रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के जो लोग 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए थे, उन्हें भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी।
इसके बाद आने वाले इन धर्मों के लोगों को छह साल भारत में रहने के बाद नागरिकता दे दी जाएगी। पहले सबकी तरह उन्हें 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था।