मणिपुर में मां और घायल बेटे को एंबुलेंस में जिंदा जलाए जाने का मामला क्या है?
मणिपुर में पिछले महीने शुरू हुई हिंसा के बीच एक दर्दनाक घटना सामने आई है। उपद्रवियों ने एक घायल लड़के को उसकी मां और अन्य महिला रिश्तेदार के साथ एंबुलेंस में जिंदा जला दिया। घटना में तीनों लोगों की जलकर मौत हो गई। बच्चे की मां मैतेई समुदाय की थीं, जबकि उसके पिता कुकी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इन दोनों समुदायों के बीच ही मणिपुर में जातीय संघर्ष छिड़ा हुआ है।
असम राइफल्स के शिविर में रुका हुआ था बच्चा, छर्रा लगने से हुआ था घायल
8 वर्षीय टॉन्सिंग हैंगिंग और उसकी मां मीना हैंगिंग कांगचुप जिले में असम राइफल्स के राहत शिविर में रह रहे थे। 4 जून की शाम को शिविर के पास हुई गोलीबारी के दौरान बच्चे के सिर में गोली का छर्रा लग गया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बाद बच्चे को बेहतर इलाज के लिए उसकी मां और रिश्तेदार लिडा लौरेम्बम के साथ एंबुलेंस में इंफाल के एक अस्पताल भेजने का निर्णय लिया था।
शिविर में क्या कर रहा था बच्चा और उसका परिवार?
कांगपोकपी जिले के कांगचुप गांव के निवासी टॉन्सिंग और उसका परिवार मैतेई समुदाय द्वारा हिंसा की आशंका के चलते असम राइफल्स के शिविर में पहुंचा था। दूसरी तरफ लौरेम्बम और उनके पति इस कुकी बहुसंख्यक गांव में रहने वाले चुनिंदा मैतेई लोगों में शामिल थे।
सुरक्षा के बावजूद मैतेई समुदाय के उपद्रवियों ने एंबुलेंस को लगाई आग
स्क्रॉल के मुताबिक, क्षेत्र में तनाव को देखते हुए एंबुलेंस के साथ असम राइफल्स के जवान भी गए थे। उनकी सीमा समाप्त होने के बाद 3 वाहनों में मौजूद मणिपुर पुलिस के 10 कमांडो ने एंबुलेंस को सुरक्षा दी। एक वाहन में इंफाल पश्चिम जिले के पुलिस अधीक्षक भी थे। इसी बीच लाम्फेल थाना क्षेत्र के इरोइसेम्बा में बड़ी संख्या में लोगों ने काफिले को घेर लिया और एंबुलेंस में आग लगा दी। उन्होंने पुलिस वाहनों को भी निशाना बनाया।
अधिकारियों ने घटना को लेकर क्या कहा?
असम राइफल्स के एक अधिकारी ने कहा कि किसी ने अफवाह फैला दी थी कि एंबुलेंस में कुकी उपद्रवियों को ले जाया जा रहा है, जिसके बाद मैतेई समुदाय की भीड़ ने बिना कुछ सोचे-समझे काफिले को घेर लिया। उन्होंने कहा कि हमले में पुलिस के 2 कमांडो घायल हुए हैं, जबकि पुलिस अधीक्षक को एक शख्स की कार में ले जाया गया। बतौर रिपोर्ट्स, भीड़ ने मां के मैतेई समुदाय से होने के बावजूद पीड़ितों पर रहम नहीं दिखाया।
मणिपुर में क्यों हो रही है हिंसा?
मणिपुर में पिछले एक महीने हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। दरअसल, मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया था और उनके एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद से हिंसा जारी है।