ड्रोन हमलों से अपने अड्डों की सुरक्षा के लिए 100 UAV खरीदेगी वायुसेना- रिपोर्ट
देशभर में स्थित अपने अड्डों की सुरक्षा और निगरानी के लिए भारतीय वायुसेना 100 मानवरहित हवाई वाहन (UAV) खरीदेगी। इन UAV का मुख्य लक्ष्य ड्रोन हमलों से वायुसेना के अड्डों की सुरक्षा करना होगा। ये कई सुविधाओं से लैस होंगे जो ड्रोन हमलों से बचने में वायुसेना के काम आएंगी। इन UAV को भारतीय विक्रेताओं या भारतीय मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) से ही खरीदा जाएगा। इन पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा, अभी ये जानकारी सामने नहीं आई है।
UAV में क्या-क्या सुविधाएं होंगी?
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, वायुसेना जो UAV खरीदने जा रही है, उनमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिक और थर्मल इमेजिंग करने की क्षमता होगी और वो लंबी दूरी से भी इंसान के बराबर साइज के लक्ष्य का पता लगा सकेंगे। इसके अलावा ये UAV अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर भी काम कर सकेंगे। इन UAV का इस्तेमाल वायुसेना के अड्डों की दिन-रात निगरानी के लिए होगा और इनकी मदद से वायुसेना ड्रोन हमले और आतंकी हमले दोनों का मुकाबला कर सकेगी।
जम्मू हवाई अड्डे पर ड्रोन हमले ने उजागर की थीं सुरक्षा खामियां
बता दें कि पिछले साल जून में जम्मू हवाई अड्डे पर हुए ड्रोन हमले ने संवेदनशील सैन्य अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया था और तभी से इस खामी को दूर करने और ड्रोन जैसी अत्याधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। वायुसेना ने हैदराबाद की कंपनी जेन टेक्नोलॉजीज को एंटी-ड्रोन सिस्टम की सप्लाई का ऑर्डर दिया है और इसके लिए 155 करोड़ रुपये चुकाए जाएंगे।
थलसेना और नौसेना भी खरीद रहे एंटी-ड्रोन सिस्टम
वायुसेना के अलावा थलसेना ने भी भारतीय कंपनियों को बड़ी संख्या में UAV के ऑर्डर दिए हैं। इनमें झुंड में चलने वाले ड्रोन (स्वार्म ड्रोन), सामान ले जाने वाले ड्रोन (लॉजिस्टिक ड्रोन) और विस्फोटक लगे हुए ऐसे ड्रोन शामिल हैं जो टारगेट के पास पहुंचते ही फट जाते हैं। रेजीमेंट्स भी सीमित निगरानी के लिए छोटे UAV खरीद रही हैं। इसके अलावा नौसेना ने भी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ नौसेनिक एंटी-ड्रोन सिस्टम के लिए समझौता किया है।
अमेरिका से सशस्त्र ड्रोन भी खरीदेगा भारत, सरकार के पास लंबित है प्रस्ताव
भारत अमेरिका से कई सुविधाओं से लैस 30 MQ-9B प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन खरीदने की तैयारी भी कर रहा है। इन ड्रोन के लिए लगभग 300 करोड़ डॉलर (लगभग 23,870 करोड़ रुपये) का भुगतान किया जाएगा। हालांकि अभी प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी नहीं मिली है।
जम्मू हवाई अड्डे पर ड्रोन हमले में क्या हुआ था?
27 जून, 2021 को जम्मू हवाई अड्डे पर दो ड्रोन्स के जरिए विस्फोटक गिराए गए थे। इस हमले में दो वायुसैनिकों को मामूली चोटें आई थीं। एक धमाके से एक इमारत की छत को नुकसान पहुंचा था, वहीं दूसरा धमाका खाली जगह पर हुआ था। ये हमला पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने किया था। उसने इस हमले के जरिए वायुसेना के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और हेलीकॉप्टर्स को निशाना बनाने की कोशिश की थी।