निर्यात पर रोक लगाने के बावजूद भारत में पड़ सकती है कोरोना वैक्सीन की कमी- विशेषज्ञ
कोरोना वायरस की दूसरी और अधिक भीषण लहर के बीच देश के कई राज्यों में वैक्सीन की खुराकें कम पड़ने लगी हैं और इसके कारण महाराष्ट्र में तो कुछ वैक्सीनेशन केंद्रों को बंद भी करना पड़ा है। इस स्थिति से बचने के लिए भारत ने वैक्सीन के निर्यात को धीमा भी किया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि निर्यात पर पूर्ण रोक लगाने पर भी भारत के पास पर्याप्त खुराकों की कमी रहेगी।
सप्लाई से ज्यादा है भारत में वैक्सीन की मांग
भारत में अभी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' वैक्सीन और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ अभिषेक शर्मा के अनुसार, ये दोनों कंपनियां एक महीने में जितनी खुराकों की सप्लाई करती हैं, देशभर में मांग चरम रहने पर ये खुराकें 17 दिन में खत्म हो सकती हैं। इसका मतलब अगर भारत निर्यात पर पूरी तरह रोक लगा भी दे तो भी हर महीने 13 दिन की खुराकें कम पड़ेंगी।
अगले कुछ महीने सप्लाई से ज्यादा रह सकती है मांग- शर्मा
शर्मा ने कहा कि कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा रही हैं, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है। उन्होंने कहा, "भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज होने पर अगले कुछ महीने में मांग सप्लाई से ज्यादा हो सकती है।"
महाराष्ट्र में महज तीन दिन लायक खुराकें बचीं
मांग और सप्लाई में इस अंतर का असर दिखने भी लगा है और कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में खुराकें कम पड़ने लगी हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कल कहा था कि उनके पास महज 14 लाख खुराकें बची हैं और अगले तीन दिन में ये भी खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि खुराकों की कमी के कारण राज्य में कई वैक्सीनेशन केंद्रों को बंद भी करना पड़ा है।
पांच और राज्यों में वैक्सीन की कमी
महाराष्ट्र के अलावा पांच और ऐसे राज्य -आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और हरियाणा- हैं जहां वैक्सीन कम पड़ने लगी है। आंध्र प्रदेश के पास महज 3.5 लाख खुराकें बची हैं और राज्य सरकार ने गुरूवार तक इनके खत्म होने की बात कही है। इसी तरह तेलंगाना में भी तीन दिन लायक खुराकें बची हैं। वहीं हरियाणा में कोविशील्ड की पांच लाख और कोवैक्सिन की 53,000 खुराकें बची हैं और अगले चार दिन में ये खत्म हो सकती हैं।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी खुराकों की कमी
छत्तीसगढ़ में तो कल सभी खुराकें खत्म हो गई थीं, लेकिन अब उसे 3.25 लाख खुराकों की नई खेप मिली है। राज्य में रोजाना दो से तीन लाख खुराकें लगाई जा रही हैं और ये नई सप्लाई भी जल्द खत्म हो सकती है। राज्य सरकार ने केंद्र से एक तय योजना देने को कहा है ताकि लोगों को वैक्सीनेशन केंद्र से वापस न लौटाना पड़े। ओडिशा में भी खुराकों की कमी है और उसने केंद्र से और खुराकें मांगी हैं।
केंद्र सरकार ने वैक्सीन की कमी के दावों को गलत बताया
हालांकि केंद्र सरकार ने वैक्सीन की कमी के राज्यों के दावे को गलत बताया है और कहा है कि किसी भी राज्य में वैक्सीन की कमी नहीं है। राज्यों के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, "किसी राज्य में कोरोना वायरस वैक्सीन की कमी नहीं है और न ही होने दी जाएगी। सभी राज्यों को उनकी जरूरत के हिसाब के वैक्सीन की आपूर्ति की जा रही है।"
देश में क्या है कोरोना वैक्सीनेशन की स्थिति?
अभी देश में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण चल रहा है और इसमें 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई गई थी। अब तक देश में वैक्सीन की 9.02 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में 29,79,292 खुराकें लगाई गईं। अब तक एक दिन में अधिकतम 43 लाख खुराकें लगाई गई हैं।