Rs. 2000 के नोटों की छपाई रोकने की खबरों पर सरकार ने दी सफाई
क्या है खबर?
सरकार ने Rs. 2000 के नोटों की छपाई बंद होने की खबरों के बीच सफाई दी है।
वित्त विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट कर कहा कि जरूरत के हिसाब से नोटों की छपाई की जाती है।
उन्होंने बताया कि फिलहाल Rs. 2000 के नोटों की छपाई से जुडा कोई नया निर्णय नहीं लिया गया है।
बता दें, कल खबर आई थी कि Rs. 2000 के नए नोटों की छपाई बंद कर दी गई है।
ट्विटर पोस्ट
सरकार की तरफ से सफाई
Printing of notes is planned as per the projected requirement. We have more than adequate notes of Rs 2000 in the system with over 35% of notes by value in circulation being of Rs 2000. There has been no decision regarding 2000 rupee note production recently.
— Subhash Chandra Garg (@SecretaryDEA) January 4, 2019
खबरें
नोट की छपाई बंद होने की आई थी खबरें
कल मीडिया में खबरें आई थीं कि जमाखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका के चलते भारतीय रिजर्व बैंक Rs. 2000 के नोटों की छपाई बंद करने जा रहा है।
रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इस कदम का मकसद अर्थव्यस्था में बड़े नोट के सर्कुलेशन को कम करना है।
हालांकि, आज सरकार की तरफ से इस मामले में सफाई आ गई है, जिसके मुताबिक, इस सबसे बड़े नोट की छपाई को लेकर कोई नया निर्णय नहीं लिया गया है।
सर्कुलेशन
कुल मुद्रा में Rs. 2000 के नोट 37 फीसदी
आंकड़ों के हिसाब से मार्च, 2018 तक देश में कुल Rs. 18.03 लाख करोड़ की मुद्रा सर्कुलेशन में थी।
इसमें से 37 फीसदी यानी लगभग Rs. 6.73 लाख करोड़ के Rs. 2000 और लगभग 43 फीसदी यानी लगभग Rs. 7.73 लाख करोड़ Rs. 500 के नोट थे।
बाकी बची रकम Rs. 200, 100, 50 और बाकी नोटों की थी।
पिछले काफी समय से Rs. 2000 के नोटों के सर्कुलेकशन को कम करने की कोशिशें की जा रही हैं।
सर्कुलेशन में नोट
कम किए जा रहे हैं Rs. 2000 के नोट
मार्च 2017 में Rs. 2000 के नोटों का कुल मुद्रा में लगभग 50 फीसदी हिस्सा था।
अगस्त 2018 में आई RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-18 में Rs. 2000 के केवल 7.8 करोड़ नए नोट शामिल किए गए।
इस तरह मार्च, 2018 तक सर्कुलेशन में Rs. 2000 के नोटों की कुल संख्या 336.3 करोड़ पहुंच गई, जबकि 2016-2017 तक इन नोटों की संख्या 328.5 करोड़ थी।
Rs. 500 नोट
बढ़ी है Rs. 500 के नोटों की संख्या
साथ ही कुल मुद्रा में Rs. 2000 के नोटों का हिस्सा भी कम हुआ है। मार्च, 2018 में Rs. 2000 के नोट कुल मुद्रा की कीमत का 37.3 फीसदी हिस्सा थे।
इससे एक साल पहले मार्च, 2017 में ये नोट सर्कुलेशन में कुल मुद्रा का 50.2 फीसदी हिस्सा थे।
इसके विपरित Rs. 500 के नोटों का चलन बढ़ा है। 2017-18 के दौरान कुल 958.7 करोड़ Rs. 500 के नोट अर्थव्यवस्था में लाए गए।