हरियाणा: लक्षणों को नजरअंदाज करना कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों के पीछे बड़ी वजह
हरियाणा में कोरोना वायरस के कारण अब तक 500 मौतें हो चुकी हैं। इनमें से अधिकतर लोगों की मौत की वजह उनकी खुद की लापरवाही ही बनी है। दरअसल, मृतकों में से कुछ लोग लक्षण दिखने के बाद इलाज के लिए तांत्रिकों के पास जाते रहे तो कुछ खुद ही दवाईयां लेते रहे। वहीं कुछ लक्षणों को कई दिनों तक नजरअंदाज करते रहे। हालत खराब होने पर वो अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
60 साल से अधिक उम्र के मरीजों को अधिक खतरा
इंडियन एक्सप्रेस ने राज्य में 5 अगस्त तक कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले 455 मरीजों का रिकॉर्ड खंगाला है। इसमें पता चला है कि 60 साल से अधिक उम्र के लोग सबसे बुरी तरह इस खतरनाक वायरस का शिकार हुए हैं। 455 मृतकों में 241 की उम्र 60 साल से ज्यादा थी। कई मामले ऐसे भी आए, जब मरीज दुर्घटना की वजह से अस्पताल पहुंचे, जहां उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई और उनकी जान चली गई।
लगभग 300 मृतकों को थी दूसरी बीमारियां
हरियाणा में 5 अगस्त तक जान गंवाने वाले 297 लोग दूसरी बीमारियों से भी पीड़ित थे, जबकि 158 को कोई और बीमारी नहीं थी। दूसरी बीमारियों से पीड़ित अधिकतर मृतक डायबिटीज, हायपरटेंशन, किडनी से जुड़ी बीमारियों और कैंसर के मरीज थे। इनके अलावा 32 लोग सेप्सिस और 71 लोग निमोनिया से जूझ रहे थे। विश्लेषण में सामने आया है कि कुछ लोग कोरोना के लक्षण दिखने के बाद इलाज के लिए तांत्रिकों के पास भी गए थे।
अलग-अलग अस्पतालों से इलाज के कारण भी हुई देर
कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां लोग कोरोना के लक्षणों को सामान्य बुखार समझकर नजदीकी मेडिकल स्टोर या नर्सिंग होम से दवाएं लेते रहे। इससे उनके इलाज में देरी हो गई और अस्पताल ले जाने पर उन्हें बचाया नहीं जा सका। वहीं कुछ मामलों में मरीज लक्षण दिखने के बाद इलाज के लिए अलग-अलग अस्पताल जाते रहे। यहां से अलग-अलग दवाएं खाने और समय बीतने के साथ उनकी हालत खराब होती रही, जो उनकी मौत का कारण बनी।
बिना डॉक्टरी सलाह के दवा लेना भी हुआ घातक
कुछ मामलों में बिना डॉक्टरी सलाह के खुद से ही दवाएं लेना भी घातक साबित हआ है। सोनीपत में 62 वर्षीय रमेश बुखार होने पर पेरासिटामोल दवा लेते रहे। 2-3 दिन बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी होना शुरू हो गई। इसके बाद जब उन्हें अस्पातल ले जाया गया तो उनका सैंपल लिया गया और उन्हें दवाएं देकर घर भेज दिया गया। सैंपल की रिपोर्ट में उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई और अगले दिन उनकी मौत हो गई।
"हरियाणा में 80 प्रतिशत से ऊपर रिकवरी रेट"
इस बारे में बात करते हुए हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) राजीव अरोड़ा ने कहा कि अधिकतर मामलों में मरीज अंतिम चरण में अस्पताल पहुंचे हैं। इसके बावजूद डॉक्टरों ने उन्हें सर्वोत्तम इलाज दिया था। फिर भी कुछ मामलों में मरीजों को दूसरी बीमारियां थीं, जिस कारण उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उन्होंने कहा, "दूसरी तरफ हमारे डॉक्टर हजारों मरीजों की जान बचा चुके हैं। हमने रिकवरी रेट को लगातार 80 प्रतिशत से ऊपर रखा है।"
प्रदेश और देश में क्या है संक्रमण की स्थिति?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, हरियाणा में अभी तक 43,227 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 6,645 सक्रिय मामले हैं, 36,082 लोग ठीक हो चुके हैं और 500 लोगों की मौत हुई है। वहीं अगर पूरे देश की बात करें तो संक्रमितों की संख्या 23 लाख से पार हो गई है। देश में कोरोना वायरस के कुल 23,29,638 मामले हैं। इनमें से 16,39,599 (70.38 प्रतिशत) ठीक हो गए हैं 46,091 (1.98 प्रतिशत) की मौत हुई है।