बेटी की शादी के लिए सरकार देती है 51,000 रुपये, इस तरह उठाएं फायदा
बेटियों को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से कई योजनाएं चलाई जाती है, जिनमें से एक हैं शादी अनुदान योजना। शादी अनुदान योजना के तहत सरकार गरीब परिवार की बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करती है। अगर आपको भी सरकार के द्वारा चलाई जा रही इस योजना का लाभ लेना है तो आप भी आसान प्रक्रिया से आवेदन कर सकते हैं। आइए जानें क्या है प्रक्रिया।
हर जाति के लोग कर सकते हैं आवेदन
शादी अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी जाति का परिवार आवेदन कर सकता है, चाहे वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक या फिर वह परिवार सामान्य वर्ग से हो। इस योजना के लिए लड़की की उम्र कम से कम 21 साल या इससे ज्यादा होनी चाहिए। आपको बता दें कि एक परिवार से दो लड़कियां ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकती है।
आवेदन करने से पहले जान लें शर्त
इस योजना के लिए आवेदन करने वाला परिवार उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों की वार्षिक आय 46,800 रुपये और शहरी क्षेत्र के लोगों की आय 56,400 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
शादी अनुदान योजना के लिए आवेदन करने से पहले इन दस्तावेजों को जरूर तैयार कर लें, ताकि कोई समस्या न हो। आधार कार्ड आय प्रामण पत्र लड़का और लड़की का आयु प्रमाण पत्र लड़की का बैंक अकाउंट नंबर शादी प्रमाण पत्र राशन कार्ड अगर लड़की गोद ली गई है, तो संबंधित दस्तावेजों को तैयार रखें। अगर आप OBC /SC/ST कैटेगरी से आते हैं, तो जाति प्रमाण पत्र देना जरूरी है।
योजना के लिए इस तरह कराएं रजिस्ट्रेशन
सबसे पहले शादी अनुदान योजना उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट shadianudan.upsdc पर जाएं। इसके बाद नए रजिस्ट्रेशन के विकल्प को चुनें और अपनी जाति को चुनें। इसके बाद आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा। रजिस्ट्रेशन फॉर्म में सभी जरुरी जानकारी अच्छे से भरें। इसके बाद जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करें। अब इसको सेव कर सबमिट बटन पर क्लिक कर दें। इसके बाद योजना के लिए आवेदन हो जाएगा। जमा किये गए आवेदन फॉर्म का प्रिंटआउट अवश्य लें।
केंद्र सरकार भी देती है 51,000 रुपये
राज्य सरकारों की तरह केंद्र सरकार भी बेटियों की शादी के लिए शादी शगुन योजना के तहत 51,000 रुपये देती है, लेकिन इस योजना का लाभ सिर्फ अल्पसंख्यक परिवारों को ही मिलता है। इसके लिए लड़की का ग्रेजुएट होना जरूरी है।