राजस्थान: दलित युवक की पिटाई के बाद पेशाब पिलाने का आरोप, FIR दर्ज
राजस्थान के चुरू जिले में एक दलित युवक के साथ कथित तौर पर मारपीट कर उसे पेशाब पिलाने का मामला सामने आया है। पीड़ित युवक का नाम राकेश मेघवाल है और वो रूखसर गांव का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि यह घटना 26 जनवरी की है। पुलिस ने इस सिलसिले में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और बताया कि शुरुआती जांच में पीड़ित युवक की पिटाई के सबूत मिले हैं।
27 जनवरी को दर्ज हुई FIR
27 जनवरी को रत्नगढ़ पुलिस थाने में दर्ज FIR में राकेश ने आरोप लगाया है कि उनके गांव के उमेश जाट घर आए और उन्हें अपने साथ चलने को कहा। जब उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तो सात अन्य लोग उन्हें जबरदस्ती उमेश की गाड़ी में बैठाकर खेतों में ले गए। यहां दो आरोपियों ने उन्हें पहले शराब पिलाई और बोतल खाली होने पर उसमें पेशाब कर राकेश को पीने पर मजबूर किया।
इन आठ आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR
राकेश में FIR में राकेश, राजेश, उमेश, ताराचंद, अक्षय, दिनेश, बिड़दीचंद और बीरबल को आरोपी बताया है और उन पर जातिसूचक शब्द कहने का आरोप लगाया है। FIR में लिखा गया है कि आरोपियों ने डंडों से पीड़ित युवक की पिटाई की, जिससे उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान उभर आए हैं। आरोपियों ने पिटाई के बाद उसे मृत समझकर गांव के बाहर ही छोड़ दिया और उसका मोबाइल अपने साथ ले गए।
अभी तक आरोपी पकड़ से बाहर
पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच के आधार पर पीड़ित युवक के आरोप सच लग रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी हिमांशु शर्मा ने कहा, "हम आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया राकेश के मारपीट के आरोप सच लग रहे हैं। सभी आरोपी हमउम्र हैं और ऐसा लग रहा है कि इनके बीच कोई विवाद चल रहा था।"
अभी तक पेशाब पिलाने के नहीं मिले सबूत- शर्मा
शर्मा ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता ने बताया कि सालभर पहले होली के दौरान किसी वाद्ययंत्र को लेकर उनके बीच विवाद हुआ था और तभी से यह दुश्मनी चल रही है। मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक पुलिस को पेशाब पिलाने के आरोप के संबंध में कोई सबूत नहीं मिले हैं। सभी आरोपी जाट समुदाय से संबंध रखते हैं और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
राजस्थान उन राज्यों में शामिल है, जहां दलितों के खिलाफ सबसे ज्यादा अत्याचार होता है। सरकार ने पिछले साल संसद को बताया था कि देशभर में 2018 से 2020 के बीच दलितों के खिलाफ अपराध के 1.38 लाख मामले दर्ज हुए थे। इनमें से सबसे ज्यादा 36,467 उत्तर प्रदेश, 20,973 बिहार, 18,418 राजस्थान और 16,952 मामले मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए। पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य रहा, जहां तीन सालों में सबसे कम 373 मामले दर्ज हुए।