UIDAI ने बदला बाल आधार का नियम, अप्लाई करने से पहले जानें क्या बदलाव हुआ
जिस तरह भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) बड़े लोगों का आधार कार्ड जारी करता है, उसी तरह यह बच्चों का भी आधार जारी करता है। बीते मंगलवार को एक डिजिटल कार्यक्रम के दौरान UIDAI के CEO सौरभ गर्ग ने बाल आधार के नियम में बदलाव का ऐलान किया। अगर आप अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवाने जा रहे हैं तो इस नियम के बारे में जरूर पढ़ लें। आइए जानते हैं कि नियम में क्या बदलाव हुआ है।
सबसे पहले जानें क्या है आधार कार्ड
आधार कार्ड देश के हर निवासी की पहचान को दर्शाता है। इसमें दर्ज 12 अंकों की संख्या को UIDAI जारी करता है। आधार कार्ड बॉयोमीट्रिक प्रणाली के रूप में काम करता है और ये फिंगर प्रिंट और आईरिस को स्कैन करने के बाद बनता है। कोई भी शख्स आधार कार्ड के लिए नामांकन करवा सकता है, बशर्ते वह भारत देश का निवासी होना चाहिए। हर व्यक्ति को सबसे अलग आधार नंबर मिलता है।
बाल आधार के नियम में क्या है बदलाव?
UIDAI के नए नियम के मुताबिक, अब बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए आप उस अस्पताल का प्रमाण पत्र या पर्ची इस्तेमाल कर सकते हैं, जहां बच्चा पैदा हुआ हो। बता दें कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे भी आधार कार्ड बनवा सकते हैं। पांच साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए बॉयोमेट्रिक्स की जरूरत होगी, वहीं इससे कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं।
बाल आधार के लिए इन दस्तावेजों को करें तैयार
आधार कार्ड के लिए आवेदन करने वाला बच्चा हो या बड़ा, भारत का निवासी होना चाहिए। आवेदन के दौरान बच्चे की उम्र पांच साल से कम होनी चाहिए। जिस अस्पताल में बच्चा पैदा हुआ है, वहां का प्रमाण पत्र। माता-पिता का आधार कार्ड। बच्चे की पासपोर्ट साइज फोटो। माता-पिता के पते का प्रमाण पत्र, बच्चे से संबंध का प्रमाण पत्र और बच्चे की जन्मतिथि का प्रमाण आदि आवश्यक दस्तावेजों को तैयार रखें।
इस तरह कर सकते हैं आवेदन
आधार कार्ड के आप ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए आप अधिकारिक वेबसाइट uidai.gov.in/ पर विजिट कर सकते हैं, वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए आपको आधार केंद्र जाना पड़ेगा।