
सरकार का बड़ा फैसला, फास्ट ट्रैक की जाएगी विदेशी कोरोना वैक्सीनों को मंजूरी देने की प्रक्रिया
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने दूसरे देशों में इस्तेमाल की जा रही विदेशी कोरोना वैक्सीनों की आपातकालीन उपयोग की मंजूरी को फास्ट ट्रैक करने का बड़ा फैसला लिया है।
वैक्सीनों की संख्या बढ़ाने और वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के लिए ये कदम उठाया गया है और अब जल्द ही विदेश में इस्तेमाल की जा रहीं वैक्सीनों को देश में सशर्त मंजूरी दी जा सकती है।
बयान
राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने सरकार से की थी फास्ट ट्रैक करने की सिफारिश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले पर बयान जारी करते हुए बताया कि नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता में 11 अप्रैल को हुई बैठक में कोविड-19 वैक्सीन से संबंधित राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) ने विस्तृत चर्चा के बाद विदेशी वैक्सीनों की आपातकालीन मंजूरी को फास्ट ट्रैक करने की सिफारिश की थी।
बयान के अनुसार, केंद्र सरकार ने विचार करने के बाद NEGVAC की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।
शर्तें
इन दो शर्तों के साथ दी जा सकेगी विदेशी वैक्सीनों को मंजूरी
इस फैसले के तहत ऐसी विदेशी वैक्सीनें जिन्हें अमेरिका, यूरोप, यूनाइटेड किंगडम (UK) या जापान में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है या जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सूची में शामिल हैं, उन्हें भारत में मंजूरी दी जा सकेगी।
इसके लिए मंजूरी के बाद ब्रिज ट्रायल की शर्त लगाई गई है। इसके अलावा पहले 100 लाभार्थियों पर सुरक्षा की दृष्टि से सात दिन नजर रखी जाएगी और इसके बाद ही इनका बड़ा पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा।
वैक्सीन की कमी
कई लोगों ने की थी विदेशी वैक्सीनों को फास्ट ट्रैक करने की मांग
बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन की कमी के कारण समाज के कई वर्ग सरकार से विदेशी वैक्सीनों को फास्ट ट्रैक करने की मांग कर रहे थे।
महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना और ओडिशा समेत कई राज्यों ने पिछले हफ्ते कुछ ही दिन की खुराकें होने का दावा किया था। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में तो खुराकों की कमी के कारण कई वैक्सीनेशन केंद्रों को बंद भी करना पड़ा है।
मंजूरी
तीन वैक्सीनों को मिली मंजूरी, पांच रास्ते में
गौरतलब है कि भारत ने आज ही रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन 'स्पूतनिक-V' को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है और यह मंजूरी पाने वाली तीसरी वैक्सीन है।
इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' को मंजूरी दी जा चुकी है।
आने वाले समय में पांच और वैक्सीनों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इनमें जॉनसन एंड जॉनसन, जायडस कैडिला, नोवावैक्स और भारत बायोटेक की एक-एक वैक्सीन शामिल हैं।
कोरोना वैक्सीनेशन
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
16 जनवरी से शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान में भारत में अभी तक वैक्सीन की 10,85,33,085 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 40,04,521 खुराकें बीते 24 घंटों के दौरान लगाई गईं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 9,50,43,039 लोगों को वैक्सीन की पहली और 1,34,90,046 लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं।
अभी 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।