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    फिर से कम किया जा सकता है कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल

    फिर से कम किया जा सकता है कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल
    लेखन मुकुल तोमर
    Aug 05, 2021, 05:43 pm 1 मिनट में पढ़ें
    फिर से कम किया जा सकता है कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल
    कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल घटाने की तैयारी

    कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोविशील्ड' की दो खुराकों के बीच अंतराल को एक बार फिर से कम किया जा सकता है। केंद्र सरकार 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए दो खुराकों के बीच अंतराल को कम करने पर विचार कर रही है। कोविड-19 वर्किग ग्रुप के चेयरमैन डॉ एनके अरोड़ा ने एक इंटरव्यू में बताया कि आने वाले दो से चार हफ्तों में ये फैसला लिया जा सकता है।

    डाटा के विश्लेषण के बाद लिया जाएगा फैसला- डॉ अरोड़ा

    डॉ अरोड़ा ने कहा कि वैज्ञानिक आंकड़ों पर गौर करने के बाद ये फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमने वैक्सीन और उनकी खुराकों के बीच अंतराल का अलग-अलग जगहों के विभिन्न आयु समूहों पर असर का डाटा इकट्ठा कर लिया है।"

    दो बार बढ़ाया जा चुका है कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल

    बता दें कि जनवरी में वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत में कोविशील्ड की खुराकों के बीच 28 दिन का अंतराल था। पहले इसे बढ़ाकर 6-8 सप्ताह किया गया और फिर मई में इसे दूसरी बार बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया गया। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि इससे वैक्सीन की प्रभावकारिता बढ़ती है। यह फैसला ऐसे समय लिया गया था जब देश में खुराकों की भारी कमी चल रही थी। फैसले को उस कमी से जोड़कर भी देखा गया था।

    स्टडी में आया था सामने- अंतराल बढ़ने पर बढ़ती है प्रभावशीलता

    मार्च में द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन में बताया गया था कि अगर कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच 12 सप्ताह का अंतराल रखा जाए तो इसकी प्रभावकारिता 81.3 प्रतिशत होती है। वहीं अगर दोनों खुराकों के बीच छह सप्ताह से कम का समय होता है तो प्रभावकारिता कम होकर 55.1 प्रतिशत पर पहुंच जाती है। यही नहीं, 12 हफ्ते बाद दूसरी खुराक लेने वाले प्रतिभागियों में छह हफ्ते वाले समूह के मुकाबले दोगुनी एंटीबॉडीज भी पाई गईं।

    डेल्टा वेरिएंट ने बदले सारे समीकरण

    हालांकि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने की रणनीति पर सवाल भी उठते रहे। डेल्टा वेरिएंट ने इस स्थिति को और बदल दिया। स्टडी में ये बात सामने आई कि कोविशील्ड की एक खुराक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ मात्र 33 प्रतिशत प्रभावी है और दो खुराकों से ही डेल्टा वेरिएंट से सुरक्षा मिल सकती है। इसके बाद कई देशों ने दो खुराकों के बीच अंतराल को घटा दिया और भारत पर भी ऐसा करने का दबाव है।

    देश में क्या है कोरोना वैक्सीनेशन की स्थिति?

    16 जनवरी को वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बाद से 4 अगस्त तक देश में कोरोना वैक्सीन की 48,93,42,295 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। देश में 38,11,26,275 लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, वहीं 10,82,16,020 लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं। बीते दिन देश में 37,55,115 खुराकें लगाई गईं और वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनी हुई है। खुराकों की कमी इसका एक अहम कारण है।

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