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डेंगू से निपटने की राह में खुशखबरी, 2026 की शुरुआत तक मिल सकती है वैक्सीन
इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) ने कहा कि वो 2026 तक डेंगू की वैक्सीन लॉन्च कर सकती है

डेंगू से निपटने की राह में खुशखबरी, 2026 की शुरुआत तक मिल सकती है वैक्सीन

लेखन आबिद खान
Aug 24, 2023
06:39 pm

क्या है खबर?

मच्छरों से फैलने वाली गंभीर बीमारी डेंगू से निपटने की राह में देश को एक राहत भरी खबर मिली है। दवा बनाने वाली कंपनी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) ने कहा है कि वो साल 2026 की शुरुआत में डेंगू की वैक्सीन को व्यावसायिक उपयोग के लिए लॉन्च कर सकती है। कंपनी का कहना है कि अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने उसे वैक्सीन विकसित करने के लिए जरूरी वायरस दिया है।

ट्रायल

वैक्सीन के पहले चरण के ट्रायल पूरे

IIL के प्रबंध निदेशक के आनंद कुमार ने कहा कि 18-50 वर्ष की आयु के लगभग 90 लोगों पर वैक्सीन के प्रारंभिक चरण के ट्रायल किए गए हैं, जिनमें कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखा है। उन्होंने कहा, "हम प्रारंभिक चरण का ट्रायल पूरा करने वाले हैं और जल्द ही अगले चरण के लिए बढ़ेंगे। इसमें 2 से 3 साल लगेंगे। हम उम्मीद कर रहे हैं कि जनवरी 2026 तक वैक्सीन को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए लॉन्च किया जा सकता है।"

कंपनियां

2 और कंपनियां भी कर रही हैं वैक्सीन पर काम

डेंगू की वैक्सीन बनाने पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और पैनेशिया बायोटेक भी काम कर रही है। SII ने पहले चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है और अब वैक्‍सीन का बच्‍चों पर अध्‍ययन शुरू किया गया है। पैनेशिया बायोटेक ने भी 2 चरणों का ट्रायल पूरा कर लिया है और अब 18 से 80 साल की आयु वाले 10,335 लोगों पर तीसरे चरण के ट्रायल करने की योजना बना रहा है।

खतरा

कितनी खतरनाक बीमारी है डेंगू?

बता दें कि केवल भारत में ही डेंगू वायरस के हर साल 2 से ढ़ाई लाख मामले सामने आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पिछले 2 दशक में डेंगू के मामलों में 8 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है। दुनिया में हर साल लगभग 40 करोड़ लोगों को डेंगू के संक्रमण का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी का इलाज केवल लक्षणों के आधार पर ही किया जाता है, क्योंकि अभी तक वैक्सीन नहीं बनी है।

वैक्सीन

अब तक क्यों नहीं बन पाई डेंगू की वैक्सीन?

विशेषज्ञों के मुताबिक, मच्छरों से फैलने वाले डेंगू के आमतौर पर 4 सिरोटाइप या वैरिएंट होते हैं। इस वजह से ऐसा टीका बनाने मुश्किल होता है, जो चारों वैरिएंट पर समान रूप से प्रभावी हो। सिंगापुर के ड्यूक-NMS मेडिकल स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर सेंट जॉन के मुताबिक, डेंगू के वैरिएंट इतने अलग-अलग होते हैं कि एक वैक्सीन केवल एक ही वैरिएंट से हमारी रक्षा कर सकती है। ये 4 वैरिएंट के लिए 4 अलग-अलग वैक्सीन बनाने जैसा है।