दिल्ली: तीसरे सीरो सर्वे में 24.8 प्रतिशत लोगों में पाई गईं कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज
दिल्ली के तीसरे सीरोलॉजिकल सर्वे के नतीजों ने सबको असमंजस में डाल दिया है। इस सर्वे में पिछली बार के मुकाबले 4 प्रतिशत कम लोगों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज पाई गई हैं। दिल्ली सरकार के अनुसार, अगस्त में यहां 29.1 प्रतिशत लोगों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज पाई गई थीं, वहीं सितंबर के सीरो सर्वे में ये आंकड़ा मात्र 24.8 प्रतिशत रहा है। कई विशेषज्ञों ने सर्वे के तरीके में बदलाव को इसका कारण बताया है।
उत्तर-पूर्व दिल्ली की सीरो पॉजिटिविटी में सबसे अधिक गिरावट
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल किए गए दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर के सीरो सर्वे में पूरी दिल्ली से 17,197 लोगों का सैंपल लिया गया और इनमें से 24.8 प्रतिशत की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सर्वे के नतीजों में ये गिरावट मुख्य तौर से उत्तर-पूर्व दिल्ली के नतीजों से आई है। यहां अगस्त में 30.1 प्रतिशत लोगों के खून में कोरोना की एंटीबॉडीज मिली थीं, वहीं इस बार ये आंकड़ा महज 12.2 प्रतिशत रहा है।
नियोजित कॉलोनियों में अन्य जगहों के मुकाबले कम लोग संक्रमित
ताजा सर्वे में लोग कहां रहते हैं, इसके आधार पर उनका सैंपल लिया गया था। जगहों को पांच वर्गों- नियोजित कॉलोनी, पुनर्वास कॉलोनी, झुग्गी-झोपड़ी कॉलोनी, शहरी और ग्रामीण गांव और अनधिकृत कॉलोनियों- में बांटा गया था। अन्य जगहों पर 25.9 प्रतिशत के मुकाबले नियोजित कॉलोनियों में 22.9 प्रतिशत लोगों के खून में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज पाई गईं। सर्वे में कहा गया है कि ये इसलिए हो सकता है क्योंकि नियोजित कॉलोनियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आसान है।
सैंपल लेने के तरीके में बदलाव के कारण गिरावट की आशंका
आमतौर पर किसी भी संक्रमण के सीरो पॉजिटिविटी बढ़ती ही है और इसलिए दिल्ली के इन नतीजों ने विशेषज्ञों को दुविधा में डाल दिया है। सर्व को डिजाइन करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि ये गिरावट सैंपल लेने के तरीके में बदलाव के कारण हो सकती है। उनके अनुसार, इस बार सैंपल इस आधार पर लिए गए कि कौन किस तरह की कॉलोनी में रहता है और ये तरीका पहले के मुकाबले ज्यादा सही है।
अलग टेस्ट किट इस्तेमाल किए जाने को भी माना जा रहा गिरावट का कारण
इसके अलावा इस बार के सर्वे में अलग टेस्ट किट इस्तेमाल करने को भी इस गिरावट का एक कारण माना जा रहा है। इससे पहले जुलाई और अगस्त में हुई सीरो सर्वेज में 'ऐलिसा कोविड कवच' टेस्ट का प्रयोग किया गया था जिसकी संवेदनशीलता 92.1 प्रतिशत और सटीकता 97.7 प्रतिशत होती है। वहीं इस बार के सर्वे में एरबेलिसा कोविड-18 InG टेस्ट का प्रयोग किया गया जिसकी संवेदनशीलता 99.12 प्रतिशत और सटीकता 99.33 प्रतिशत होती है।
कुछ और सर्वे होने के बाद ही स्पष्ट होगी स्थिति- विशेषज्ञ
इसके अलावा कुछ विशेषज्ञों ने बहुत समय पहले संक्रमित हुए लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज की संख्या में कमी के भी गिरावट का एक कारण होने की आशंका व्यक्त की है। हालांकि इसके कारण 4 प्रतिशत की गिरावट आना थोड़ा मुश्किल है। उनका कहना है कि इस गिरावट का कारण क्या है और दिल्ली में असल स्थिति क्या है, यह अगले कुछ सर्वे के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
दिल्ली में क्या है कोरोना वायरस महामारी की स्थिति?
दिल्ली में अब तक कुल 2,79,715 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 5,361 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। 2.47 लाख लोग वायरस को मात दे कर ठीक हो चुके हैं।