मुंबई: आइसक्रीम पैकेट पर वसूले 10 रुपये ज्यादा, लगा दो लाख रुपये का जुर्माना
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के मुंबई सेंट्रल स्थित शगुन वेज रेस्तरां को छह साल पहले एक आइसक्रीम के पैकेट पर 10 रुपये अतिरिक्त वसूलना महंगा पड़ गया।
दक्षिण मुंबई जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने मामले में रेस्तरां को दोषी ठहराते हुए उस दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इसके अलावा फोरम ने रेस्त्रां को उपभोक्ता को भी मुआवजा देने का आदेश दिया है। मुआवजा राशि समय पर नहीं चुकाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रकरण
आइसक्रीम पैकेट पर वसूले थे 10 रुपये अतिरिक्त
TOI के अनुसार पुलिस उप निरीक्षक (SI) भास्कर जाधव की ओर से फोरम में प्रस्तुत किए गए परिवाद के अनुसार वह 8 जून, 2014 की रात को डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन से घर जा रहे थे।
उन्होंने रेस्तरां से परिवार के लिए आइसक्रीम खरीदी थी। उन्हें एक ही कीमत में दो फैमिली पैक मिले हैं, लेकिन रेस्त्रां ने 165 रुपये MRP वाले फैमिली पैक पर 10 रुपये अतिरिक्त के साथ 175 रुपये वसूल लिए। यह देखकर वह चौंक गए।
अनदेखी
रेस्तरां संचालकों ने नहीं सुनी शिकायत
जाधव ने जिला उपभोक्ता फोरम को बताया कि उन्होंने अतिरक्त चार्ज को लेकर रेस्तरां में विरोध भी जताया था, लेकिन वहां किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।
उन्होंने कहा कि उन्होंने काउंटर से आइसक्रीम खरीदी थी और रेस्तरां में प्रवेश भी नहीं किया था। ऐसे में उन्होंने रेस्तत्रां की किसी सर्विस का भी इस्तेमाल नहीं किया।
इसके बाद भी उनसे 10 रुपये अतिरिक्त वसूलना उपभोक्ता नियमों के खिलाफ है। इससे उन्हें मानसिक प्रताड़ना भी मिल है।
जानकारी
मामले की सुनिवाई रेस्त्रां की ओर से दी गई यह दलील
मामले की सुनवाई के दौरान रस्त्रां की ओर से दलील दी गई कि उसने आइसक्रीम को स्टोर करने की एवज में 10 रुपये अतिरिक्त वसूले हैं, लेकिन फोरम ने इसे स्वीकार नहीं किया। फोरम के अनुसार स्टोर की कीमत MRP में ही शामिल होती है।
फैसला
रेस्त्रां को दोषी मानते हुए लगाया दो लाख रुपये का जुर्माना
मामले का फैसला सुनाते हुए फोरम ने कहा कि रेस्तरां 24 सालों से हर रोज लगभग 40,000-50,000 हजार रुपये कमा रहा है। ऐसे में साफ है कि रेस्तरां ने MRP से अधिक चार्ज करके लाभ कमाया है।
जिला फोरम ने रेस्त्रां को दो लाख रुपये अतिरिक्त जमा करने का आदेश देते हुए कहा कि रेस्तरां और दुकानों की ओर से इस तरह से धोखाधड़ी और बेईमानी करके कारोबार करना उचित नहीं है। इससे उपभोक्ताओं का शोषण होता है।
टिप्पणी
अतिरिक्त चार्ज वसूलना उचित नहीं
जिला फोरम ने कहा कि जाधव ने रेस्तरां की किसी भी सेवा का लाभ नहीं उठाया था।
उपभोक्ता ने ना तो वेटर से पानी मंगवाया, वहां के फर्नीचर का भी इस्तेमाल नहीं किया और पंखे या एयर कंडीशनर के नीचे खुद को गर्मी से राहत नहीं पाई।
हालांकि, माउथ फ्रेशनर आमतौर पर बिल के साथ परोसा जाता है। ऐसे में रेस्त्रां द्वारा अतिरिक्त चार्ज वसूलना उचित नहीं था। उन्होंने रेस्त्रां को भविष्य में भी सावधानी बतरने के निर्देश दिए हैं।