दिल्ली दंगे: पुलिस ने ताहिर हुसैन को बताया मास्टरमाइंड, तब्लीगी जमात से भी जोड़े तार
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में भड़की हिंसा को लेकर क्राइम ब्रांच की SIT ने मंगलवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। SIT ने इसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी (AAP) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को हिंसा का मास्टरमाइंड करार दिया है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि हिंसा भड़काने के लिए ताहिर ने 1.3 करोड़ रुपये की फंडिंग भी की थी।
तीन दिन तक हिंसा की आग में जली थी दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में गत 23 से 25 फरवरी तक जमकर हिंसा हुई थी। इस हिंसा में IB अधिकारी अंकित शर्मा, हैड कांस्टेबल रतनलाल सहित 53 लोगों की मौत हो गई तथा 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने इस संबंध में अब तक करीब 750 मामले दर्ज कर 2,000 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस धीरे-धीरे मामले में शामिल अन्य उपद्रवियों का पता लगाकर गिरफ्तारी में जुटी है।
दंगों के लिए ताहिर ने ऐसे की थी 1.3 करोड़ रुपये की फंडिंग
चार्जशीट में ताहिर पर आरोप लगाया गया है कि उसने जनवरी के दूसरे सप्ताह में 1.3 करोड़ रुपये शेल कंपनियों में ट्रांसफर कराकर बाद में उन्हें कैश में लिया था। इसमें मीनू फैब्रिकेशन, एसपी फाइनैंशल सर्विस, यूद्धवी इंपेक्स, शो इफेक्ट एडवर्जाइजिंग और इसेंस सेलकॉम नाम की कंपनी को पैसे ट्रांसफर किए गए थे। ताहिर के घर पर कई सीसीटीवी लगे हुए हैं, लेकिन वहां 23 से 28 फरवरी के बीच की कोई भी रिकॉर्डिंग मौजूद नहीं है।
ताहिर के उमर खालिद के संपर्क में होने का दावा
पुलिस ने चार्जशीट में बताया कि ताहिर JNU में देश विरोधी नारे लगाने वाले उमर खालिद के संपर्क में भी रहा था। उमर ने ताहिर से दिल्ली में कुछ बड़ा करने की तैयारी करने को कहा था। इतना ही नहीं, ताहिर फंडिंग के लिए PFI से भी संपर्क करने में जुटा था। दंगों से पहले जामिया इलाके में एक बैठक भी हुई थी जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने को लेकर प्रमुख जगहों पर दंगों की साजिश रची थी।
लाइसेंसी पिस्टल से की थी फायरिंग
चार्जशीट में बताया है कि आरोपी ताहिर ने दंगों से एक दिन पहले अपनी लाइसेंसी पिस्टल जारी कराई थी। उस समय उसे 200 कारतूत दिए गए थे, लेकिन वह उनका हिसाब नहीं दे सका। इससे साफ है कि उसने अपनी पिस्टल से फायरिंग की थी।
पुलिस ने ताहिर सहित 15 लोगों को बनाया आरोपी
चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया है, जबकि चार के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दायर हो चुकी है। जांच में यह बात सामने आया है कि दंगे के दिन ताहिर चांद बाग इलाके में था और अपने दोस्तों के साथ समुदाय के लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहा था। ताहिर के अलावा रिफाकत अली, मोहम्मद फैजान, अकील उर्फ बोना, मोहम्मद शरीफ, सलमान, महफूज राजा, मोहम्मद शाहिद, अब्दुल गफ्फार, मोहम्मद आजाद और शाहरूख खान को आरोपी बनाया गया है।
तबलीगी जमात से भी जोड़े दिल्ली हिंसा के तार
दिल्ली पुलिस की SIT ने दिल्ली हिंसा के मामले में राजधानी पब्लिक स्कूल के मालिक फैजल फारूक की भी अहम भूमिका बताई है। SIT ने बताया कि फारूक तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के करीबी अब्दुल अलीम के संपर्क में रहा था। इसके अलावा वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PPF), पिंजरा तोड़ ग्रुप, जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी और देवबंद के कुछ धर्मगुरुओं के भी संपर्क में था। फैज़ल हिंसा से एक दिन पहले देवबंद भी गया था।
फैजल के इशारे पर हुई थी लूटपाट और आगजनी
चार्जशीट के मुताबिक दंगाइयों ने राजधानी पब्लिक स्कूल की छत पर बड़े पैमाने पर तेजाब, ईंटें, पत्थर, पेट्रोल और बम इकट्ठा कर लिए थे। पूरी साजिश फैज़ल फारूक ने रची थी। दंगाइयों ने DRP स्कूल को आग लगा दी थी और कंप्यूटर आदि लूट लिए थे। दंगाइयों ने एक मिठाई की दुकान को भी आग लगा दी थी। जिसमें एक कर्मचारी दिलबर नेगी जिंदा जल गया था। फैजल के इशारे पर ही पूरी वारदात को अंजाम दिया गया था।
पिंजरा तोड़ ग्रुप का कबूलनामा
चार्जशीट के मुताबिक पिंजरा तोड़ ग्रुप की देवांगाना और नताशा ने बताया कि वो साजिश के तहत धरने पर बैठी थीं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के भारत आने से पहले वह जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे रोड जाम करके बैठ गई थीं।
अंकित की हत्या में सामने आई ताहिर की भूमिका
दिल्ली पुलिस ने IB के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में भी चार्जशीट पेश की है। इसमें ताहिर हुसैन की भूमिका सामने आई है। चार्जशीट में बताया कि अंकित शर्मा को करीब 51 बार चाकुओं से हमला किया गया था। ताहिर पर आरोप लगाया गया है कि उसने योजनाबद्ध तरीके से अंकित की हत्या कराई थी। उसके नेतृत्व में ही भीड़ ने अंकित को अपना निशाना बनाया था। मामले में ताहिर सहित 10 को आरोपी बनाया गया है।