दिल्ली में हवा की गुणवत्ता फिर हुई जहरीली, 29 इलाकों में 'गंभीर' स्तर पर पहुंची
दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पहुंच गया है। मंगलवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 418 यानी गभीर दर्ज किया गया है। सोमवार रात को ही कोहरे की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा था, जिसे देखते हुए दिल्ली में दोबारा से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू किया गया है। दिल्ली में 29 ऐसे इलाके हैं, जो रेड जोन में हैं।
इन इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर
दिल्ली के 29 इलाकों में AQI का स्तर 400 से ऊपर पहुंच गया है और कुछ जगह AQI 450 से अधिक है। अलीपुर में AQI 449, आनंद विहार 465, अशोक विहार 456, बवाना 465,नेहरू नगर 461, जहांगीरपुरी 466, पंजाबी बाग 452, रोहिणी 462, विवेक विहार 458 और वजीरपुर AQI 449 है। मुंडका में 432, नरेला 441, ओखला फेज-2 433, प्रतापगढ़ 444, पूसा 419, आरके पुरम 427, शादीपुर 420, सोनिया विहार 445, बुराड़ी क्रॉसिंग 447, मथुरा रोड़ 429, ITO 434 है।
आज से लागू हो गई हैं पाबंदियां
सोमवार रात 10 बजे दिल्ली का औसत AQI 400 के पार पहुंचने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने एक आपात बैठक बुलाकर GRAP के चौथे चरण को लागू कर दिया है। इससे पहले सोमवार 2 बजे AQI 366 पहुंचने पर GRAP के तीसरे चरण की पाबंदियां लागू की गई थीं। GRAP का चौथा चरण लागू होने के बाद अब सभी स्कूलों को हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) पर संचालित करने का आदेश जारी किया गया है।
क्या रहेंगी पाबंदियां?
GRAP-4 की पाबंदियों में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर BS-III वाले पेट्रोल वाहनों और BS-IV के डीजल वाहनों के दिल्ली और NCR में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इनमें बाहरी राज्यों में पंजीकृत वाहन भी शामिल हैं। इसी तरह हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, बिजली लाइनों, पाइपलाइनों और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रूप से रोक रहेगी। इसके अलावा, दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों के भी प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा और GRAP-3 की पाबंदियां जारी रहेंगी।
स्कूल की कक्षाओं में बदलाव
दिल्ली और NCR में GRAP-4 के तहत वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए कक्षाओं पर नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में कक्षा 6 से 9 और 11 तक की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड में संचालित होगी। इसी तरह 5वीं तक कक्षाएं ऑनलाइन होंगी। हाइब्रिड मोड का मतलब है कि छात्र ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड दोनों विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। बच्चों के स्वास्थ्य के लिए यह कदम उठाया गया है।