कोरोना: RT-PCR टेस्ट में आ रही झूठी निगेटिव रिपोर्ट, विशेषज्ञों ने दी CT स्कैन की सलाह
क्या है खबर?
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच राज्यों ने टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ा दी है।
हालांकि, इस बार कोरोना वायरस सबसे विश्वसनीय माने जाने वाले रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन (RT-PCR) टेस्ट को भी धोखा दे रहा है और प्रत्येक पांच RT-PCR टेस्ट में एक रिपोर्ट गलत साबित हो रही है।
इसको देखते हुए अब चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोरोना लक्षण वाले मरीजों को संक्रमण का पता लगाने के लिए CT स्कैन और एक्स-रे कराने की सलाह दी है।
पृष्ठभूमि
क्या होता है RT-PCR टेस्ट?
RT-PCR टेस्ट के जरिए व्यक्ति के शरीर में वायरस का पता लगाया जाता है। इसमें वायरस के RNA की जांच की जाती है। जांच के दौरान शरीर के कई हिस्सों से सैंपल लेने की जरूरत पड़ती है।
ज्यादातर सैंपल में नाक और गले से म्यूकोजा के अंदर वाली परत से स्वैब लिया जाता है।
रिपोर्ट में सामान्यतः 6-8 घंटे लगते हैं, लेकिन कई बार अधिक समय भी लग सकता है। इसे दुनिया में सबसे विश्वसनीय टेस्ट माना जाता है।
परेशानी
दूसरी लहर में RT-PCR को धोखा दे रहा है कोरोन वायरस
कोरोना वायरस को आसानी से पकड़ने की काबिलियत रखेने वाले RT-PCR टेस्ट को दूसरी लहर में वायरस ने धोखा देना शुरू कर दिया है।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा है कि दूसरी लहर में RT-PCR टेस्ट के नतीजे 20 प्रतिशत तक गलत साबित हो रहे हैं। यानी प्रत्येक पांच में एक रिपोर्ट गलत आ रही है।
चौंकाने वाली बात यह है कि मरीजों में कोरोना के लक्षण होने के बाद भी रिपोर्ट लगातार निगेटिव आ रही है।
कारण
क्यों नाकाम साबित हो रहा है RT-PCR टेस्ट?
कोरोना वायरस को पकड़ने में RT-PCR टेस्ट के नाकाम होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसे जिस वायरस का पता लगाने के लिए डिजाइन किया था, उसने अपना रूप और व्यवहार बदल लिया है।
वर्तमान में भारत में कोरोना वायरस का डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617 लोगों को संक्रमित कर रहा है।
इसका निर्माण वायरस के E484Q और L452R नामक दो प्रमुख म्यूटेशन से हुआ है। ऐसे में RT-PCR टेस्ट में इसे पकड़ना मुश्किल हो गया है।
सलाह
रिपोर्ट निगेटिव आने पर कराना चाहिए CT स्कैन और एक्स-रे- गुलेरिया
दिल्ली AIIMS के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, "भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के डाटा के अनुसार RT-PCR टेस्ट 80 प्रतिशत तक वायरस डबल म्यूटेंट वेरिएंट को भी पकड़ रहे हैं। हालांकि, 20 प्रतिशत मामले अभी भी इससे बच रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस के लक्षण होने तथा 24 घंटे के अंतराल में दो रिपोर्ट निगेटिव आने पर मरीजों को CT स्कैन और एक्स-रे कराना चाहिए। इससे उसका समय पर उपचार हो सकेगा।"
बयान
"सही तरह से सैंपल नहीं लेने पर भी निगेटिव आ सकती है रिपोर्ट"
गुलेरिया ने कहा, "कई बार मरीज का सैंपल सही तरह से नहीं लेने और सैंपल में वायरल लोड कम होने तथा समय से पहले जांच करने पर भी रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। ऐसे में CT स्कैन और एक्स-रे कराने से स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।"
बयान
RT-PCR टेस्ट से बचने में सक्षम नहीं है नए स्ट्रेन- पंडा
ICMR में महामारी विज्ञान और संचारी रोग विभाग के अध्यक्ष समीरन पंडा ने कहा, "यूनाइटेड किंगडम (UK), ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में मिले स्ट्रेनों का RT-PCR टेस्ट में बचना संभव नहीं है। भारत में हमें दो या उससे अधिक म्यूटेशन वाले स्ट्रेनों का पता लगाने में सक्षम होना है।"
उन्होंने आगे कहा कि म्यूटेशन यदि किसी विशेष क्षेत्र में हुआ है तो हम उसका पता लगा सकते हैं। हालांकि, कई बार ये पकड़ में आने से बच सकते हैं।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के रिकॉर्ड 2,73,810 नए मामले सामने आए और 1,619 मरीजों की मौत हुई है। ये देश में एक दिन में सामने आए सबसे अधिक मामले और मौतें हैं।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,50,61,919 हो गई है। इनमें से 1,78,769 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 19,29,329 हो गई है।