कोरोना वायरस: भारत में संक्रमितों की बढ़ती संख्या, 130 करोड़ लोग और केवल 40,000 वेंटीलेटर
दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले खतरनाक कोरोना वायरस का प्रकोप हर दिन के साथ बढ़ता जा रहा है। प्रतिदिन संक्रमितों और मृतकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सभी देशों की सरकार इसके प्रसार को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। भारत में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 400 पर पहुंच गई है। इसके उलट देश में वेंटीलेटरों की कमी इस महामारी की आग में बड़ी चिंता का विषय है।
130 करोड़ की आबादी में महज 40,000 वेंटीलेटर
HT की एक रिपोर्ट के अनुसार इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर के अध्यक्ष डॉ ध्रुव चौधरी ने बताया कि देश में बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या के बीच 130 करोड़ की आबादी पर महज 40,000 वेंटीलेटर कार्यरत है। इनमें से ज्यादातर सरकारी मेडिकल कॉलेजों, महानगर, राजधानियों और बड़े निजी अस्पतालों में संचालित है। यदि कोरोना संक्रमितों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी होती है तो भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान वेंटीलेटर आबादी के अनुपास में बहुत कम है।
स्थिति बिगड़ने पर किया जाता है वेंटीलेटर पर उपचार
बता दें कि कोरोना वायरस सीधे लोगों के फेफड़ों पर हमला करता है। कुछ मामलों में निमोनिया की तरह लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति में वेंटीलेटर के जरिए फेफड़ों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाकर मरीजों को जीवित रखा जाता है।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की पूर्व महानिदेशक ने कही बड़ी बात
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की पूर्व सचिव और महानिदेशक सुजाता राव ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अब अधिक से अधिक जांच की आवश्यकता है। संक्रमितों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें आइसोलेट कर उपचार किया जाना चाहिए। ऐसे ही प्रक्रिया उन्होंने HIV और एड्स के प्रसार को रोकने के लिए अपनाई थी। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को इसके लिए जल्द से जल्द बड़े कदम उठाने होंगे और संक्रमितों का पता लगाना होगा।
वेंटीलेटरों की कमी के कारण बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की पूर्व सचिव राव ने बताया कि यदि संक्रमितों की संख्या बढ़ती है तो वेंटीलेटरों की कमी के कारण देश में मौत का आकंड़ा बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया ने अपने संसाधनों की वजय से कोरोना वायरस का सफलतापूर्वक सामना किया है। वर्तमान में चीन में 15 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है और 5 प्रतिशत को वेंटीलेटर की जरूरत है। नहीं मिलने पर उनकी मौत हो जाएगी।
ICU की कमी से इटली और ईरान में बढ़ी मृतकों की सख्या
कोरोना की चपेट में आए इटली और ईरान में वेंटीलेटरों की पर्याप्त संख्या के अभाव में ही इतनी संख्या में लोगों की मौत हुई है। वर्तमान में भारत में भी 100 से अधिक मरीज वेंटीलेटर पर हैं। ऐसे में सरकार को कदम उठाने होंगे।
अनावश्यक ऑपरेशनों को कैंसिल कर दी जा रही है आगे की तरीख
गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल के डॉ यतिन मेहता ने बताया कि वेंटीलेटरों को खाली कराने के लिए अनावश्यक ऑपरेशानों को कैंसिल कर उन्हें आगे की तारीख दी जा रही है। इसके बाद भी देश में पर्याप्त वेंटीलेटर उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। यदि एक साथ गंभीर मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है तो उससे निपटना बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने कहा कि इसके प्रसार को कम करने के बाद ही संभावित भयावह स्थिति से बचा जा सकता है।
वेंटीलेटर के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध
सरकार ने देश में वेंटीलेटरों की आवश्यकता को देखते हुए अनावश्यक ऑपरेशनों को कैंसिल करने तथा वेंटीलेटरों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा सरकार ने देश में अधिक से अधिक वेंटीलेटरों का निर्माण करने की मंजूरी भी दे दी है।
सरकार ने अस्पतालों को दिया 1,200 वेंटीलेटरों के अधिग्रहण का आदेश
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि साल 2019 में सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा वेंटीलेटरों के ऑर्डर दिए थे। इसके अलावा निजी क्षेत्र की HLL लाइफकेयर लिमिटेड ने 1,286 और महाराष्ट्र, हैदराबाद और तेलंगाना के अस्पतालों में सस्ते एंबुलेंस वेंटीलेटरों का ऑर्डर दिया था। ऐसे में देश में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण सरकार ने अस्पतालों को 1,200 वेंटीलेटर अधिग्रहण करने का आदेश दिया है।
अस्पतालों ने खरीदे 444 करोड़ रुपये के वेंटीलेटर
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि देश में एक वेंटीलेटर की औसत कीमत 8-10 लाख रुपये है। इसके हिसाब से साल 2019 में अस्पतालों में 444.74 करोड़ रुपये के वेंटीलेटर खरीदे थे। इसके अलावा वेंटीलेटरों का 24x7 संचालन के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाना भी आवश्यक है। यह भी सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। एक वेंटीलेटर के संचालन के लिए चार डॉक्टर और चर नर्सों की आवश्यकता होती है।
देश में यह है मरीज ऑर डॉक्टरों का अनुपात
वर्तमान में देश में 1,457 मरीजों पर एक डॉक्टर है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन 1,000 मरीजों पर एक डॉक्टर से बहुत अधिक है। इसी तहर ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में 10,926 मरीजों पर एक डॉक्टर कार्यरत है।
कोरोना से लड़ने के लिए भारत ने यह कर रखी है तैयारी
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लगाया गया था।इसका व्यापक प्रभाव भी देखने को मिला। इसी तरह देश के 14 राज्यों को 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है। रेलवे ने 31 मार्च तक ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया है। इसके अलावा लोगों से घरों में ही रहने की अपील की जा रही है। राज्य सरकारों ने राहत पैकेज भी घोषित किए हैं।
दुनिया और भारत में ये है कोरोना वायरस की हालत
कोरोना सभी देशों को अपने चपेट में लेता जा रहा है। दुनियाभर में इससे 14,665 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह लगभग 2.37 लाख लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 415 पहुंच गई है। इनमें 45 नए मरीज रविवार को मिले हैं। इसके अलावा अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में अब तक 18 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।