हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में शीतलहर का कहर, जम गया झील और नदियों का पानी
उत्तर भारत में भयंकर शीतलहर चलने से तापमान शून्य से नीचे चला गया है, जिसके चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों को गर्म कपड़ों और अलाव के सहारे बचाव के जतन करने पड़ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाके भीषण ठंड की चपेट में हैं और यहां पारा जमाव बिंदु से 14-18 डिग्री तक नीचे चला गया है। इस कारण यहां झील, झरने, नदियाें और पाइप लाइनों का पानी तक जम गया है।
श्रीनगर में 5 दशक बाद गिरा इतना तापमान
जम्मू-कश्मीर में भीषण सर्दियों की 40 दिनों की अवधि 'चिल्लई कलां' की पिछले दिनों शुरुआत हो चुकी है। इसी के चलते श्रीनगर में शुक्रवार को 5 दशकों में दिसंबर की सबसे ठंडी रात रही है, जब तापमान शून्य से 8.5 डिग्री नीचे पहुंच गया। इससे पहले 1974 में श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 10.3 डिग्री नीचे दर्ज किया गया था। शनिवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 4.6 डिग्री नीचे रहा, जो पिछली रात से लगभग 4 डिग्री अधिक है।
मौसम विभाग ने दी यह चेतावनी
जम्मू-कश्मीर में अत्यधिक ठंड के कारण जल आपूर्ति पाइप लाइन जम गई हैं और डल झील जैसे जल निकायों पर बर्फ की पतली परत बन गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 26 दिसंबर तक कश्मीर के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई है। इसके साथ ही 24 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों के लिए शीतलहर की चेतावनी जारी की है। इन राज्यों में देर रात और सुबह घना कोहरा छाए रह सकता है।