शिमला मस्जिद विवाद: अवैध निर्माण को खुद हटाने पर राजी हुआ मुस्लिम समुदाय
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद को लेकर चल रहा विवाद थम सकता है। मुस्लिम समुदाय ने कहा है कि वो मस्जिद का अवैध निर्माण खुद ही तोड़ने पर राजी है। इस संबंध में मस्जिद समिति के सदस्यों ने शिमला नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मुलाकात की है। समिति ने कहा कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक मस्जिद की 3 अवैध मंजिलों को सील कर दिया जाए।
क्या बोला मुस्लिम समुदाय?
मस्जिद समिति के सदस्य मुफ्ती मुहम्मद शफी कासमी ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। इसमें समिति ने कहा कि मस्जिद के अवैध निर्माण वाले हिस्से को सील किया जाए और समिति उसे खुद ही गिरा देगी। समिति ने लिखा कि अगर जांच में मस्जिद में अवैध निर्माण हुआ पाया गया तो समिति खुद ही विवादित हिस्से को गिराना चाहती है। मुफ्ती कासमी ने कहा, "शहर में माहौल शांतिपूर्वक बना रहे, इसलिए निगम को ज्ञापन सौंपा गया है।"
मस्जिद समिति ने कहा- भाईचारा कायम रखेंगे
मुफ्ती कासमी ने कहा, "निगम प्रशासन कानून पहलूओं को देखते हुए हमें इजाजत दे और हम अवैध हिस्से को गिरा देंगे। ज्ञापन में 2 ही बातों की मांग की गई है। हम आपसी भाईचारे को कायम रखेंगे। कोर्ट किसी दूसरे को भी इजाजत तो भी हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम पर किसी का दबाव नहीं है और हम इसी राज्य के रहने वाले हैं। अभी मुस्लमान भाई इस मस्जिद में ना जाएं।"
नगर निगम ने क्या बताया?
निगमायुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा, "हमारे पास मस्जिद समिति की तरफ से ज्ञापन दिया गया है। समिति के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ और मस्जिद के इमाम समेत 15-20 लोगों के साथ हमारे पास आए थे। इन्होंने निवेदन किया है कि अवैध निर्माण वाले हिस्से को सील किया जाए। इसे लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है। जमीन से जुड़े विवाद पर निगम सुनवाई नहीं करता है। कोर्ट जब आदेश देता है तो सिर्फ अवैध निर्माण को भी तोड़ना होता है।"
मस्जिद को लेकर क्या है विवाद?
संजौली इलाके में स्थित ये मस्जिद 1950 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। 2010 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ। अब मस्जिद पक्की और 5 मंजिल की हो चुकी है। आरोप है कि मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से और बिना अनुमति के किया गया है। इसे लेकर हिंदू संगठनों के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और मस्जिद तोड़ने की मांग कर रहे हैं। जिसके चलते तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।