गुलमर्ग हमला: सैन्य वाहन पर 2 तरफ से हुई थी गोलीबारी, हथियार लूटना चाहते थे आतंकी
24 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के 2 जवान और 2 स्थानीय कुली मारे गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के छद्म संगठन पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट (PAFF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। अब इस हमले को लेकर नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने सैनिक वाहन को दोनों ओर से घेरकर गोलीबारी की थी।
राइफल छीनना चाहते थे आतंकी- रिपोर्ट
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया और वाहन पर अंधाधुंध गोलीबारी की। वाहन पर दोनों तरफ से गोलीबारी हुई और आतंकियों ने सेना के वाहन से राइफलें छीनने की भी कोशिश की। जम्मू-कश्मीर पुलिस को शक है कि यह एलओसी के पास घुसपैठ का मामला हो सकता है। फिलहाल सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और आतंकवादियों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
गोंडोला रोपवे को कुछ देर के लिए किया गया बंद
हमले के बाद गुलमर्ग जाने वाली सड़कें यात्रियों के लिए बंद कर दी गई हैं। गोंडोला रोपवे को भी एहतियात के तौर पर कुछ समय के लिए अस्थायी रूप से बंद किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी हमले के बाद कुछ घंटे के लिए बंद की गई रोपवे सेवा को बहाल कर दिया गया है। बता दें कि घटना वाली जगह से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र गुलमर्ग केवल 6 किलोमीटर दूर है।
राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
मामले को लेकर राहुल गांधी ने लिखा, 'शहीदों को नमन करता हूं और सभी शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। केंद्र की NDA सरकार की नीतियां जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और शांति स्थापित करने में पूरी तरह से विफल रही हैं। उनके दावों के विपरीत, हकीकत यह है कि प्रदेश निरंतर आतंकी गतिविधियों, हमारे जवानों पर हमलों और नागरिकों की लक्षित हत्याओं के कारण खतरे के साए में जी रहा है। सरकार को तुरंत जवाबदेही लेनी चाहिए।'
उपराज्यपाल ने भी जताई संवेदना
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादी हमले में शहीद हुए सैनिकों और पोर्टर को श्रद्धांजलि अर्पित की। सिन्हा ने सेना की श्रीनगर स्थित 15वीं कोर इकाई (चिनार कोर) का दौरा कर शहीद सैनिकों और मारे गए पोर्टर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'भारत उनकी (शहीदों की) निस्वार्थ सेवा और उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। हम शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता में खड़े हैं।'