कोविड के उपचार की नई गाइडलाइंस जारी, स्टेरॉयड्स का उपयोग न करने की सलाह
केंद्र सरकार ने कोविड के उपचार संबंधी गाइडलाइंस में बदलाव करते हुए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। नई गाइडलाइंस में डॉक्टर्स को कोविड मरीजों को स्टेरॉयड्स देने से बचने को कहा गया है। सरकार ने कहा है कि अगर स्टेरॉयड्स जैसी दवाओं को समय से पहले, उच्च मात्रा में या ज्यादा समय तक दिया जाए तो ब्लैक फंगस जैसे दूसरे संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। सरकार पहले भी स्टेरॉयड्स के अत्यधिक उपयोग पर चिंता व्यक्त कर चुकी है।
नई गाइडलाइंस में तीन श्रेणियों में बांटी गई बीमारी
नई गाइडलाइंस में सरकार ने कोविड के मरीजों को तीन श्रेणियों, हल्की बीमारी, मध्यम बीमारी और गंभीर बीमारी, में बांटा है। सांस नली के ऊपरी हिस्से में संक्रमण और केवल बुखार को हल्की बीमारी की श्रेणी में डाला गया है। ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है और ऑक्सीजन लेवल 93 प्रतिशत से कम होने और पांच दिन से अधिक तेज बुखार या खांसी आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने को कहा गया है।
हल्की बीमारी वाले मरीजों के लिए किस दवा का सुझाव?
गाइडलाइंस में हल्के लक्षण वाले मरीजों, खासकर अधिक जोखिम वाले समूहों में आने वाले मरीजों, को पांच दिन से ज्यादा लक्षण रहने पर बुडेसोनाइड का इलहेलर देने को कहा गया है। दिन में दो बार 800 mcg बुडेसोनाइड लेने का सुझाव दिया गया है।
ऑक्सीजन का स्तर 90 से 93 प्रतिशत के बीच होने पर मानी जाएगी मध्यम बीमारी
नई गाइडलाइंस में श्वसन दर (एक मिनट में ली गई सांसें) 24 से अधिक होने, सांस लेने में दिक्कत होने और ऑक्सीजन 90 प्रतिशत से 93 प्रतिशत के बीच होने की स्थिति को मध्यम बीमारी कहा गया है। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने और उनका ऑक्सीजन स्तर 92 से 96 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य दिया गया है। ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ-साथ 5-10 दिन तक 0.5 से 1 mg/kg मिथाइलप्रेडनीसोलोन इंजेक्शन का सुझाव दिया गया है।
गंभीर मरीजों के लिए क्या सुझाव?
श्वसन दर 30 प्रति मिनट से अधिक होने और ऑक्सीजन लेवल 90 प्रतिशत से कम होने की स्थिति को गंभीर बीमारी का दर्जा दिया गया है। ऐसे मरीजों को ICU में भर्ती करने की सलाह दी गई है। ऐसे मरीजों को NIV के जरिए लगातार ऑक्सीजन सपोर्ट देने और जरूरत पड़ने पर ट्यूब ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने को कहा गया है। दवाओं में 5-10 दिन तक 1-2 mg/kg मिथाइलप्रेडनीसोलोन (या डेक्सामिथासोन) इंजेक्शन दो खुराकों में देने को कहा गया है।
इन परिस्थितियों में रेमडेसिवीर और टोसिलिजुमैब के इस्तेमाल की सलाह
नई गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि लक्षण दिखने के 10 दिन बाद मध्यम या गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को पांच दिन तक रेमडेसिवीर दिया जा सकता है। इन मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर होना चाहिए और उनकी अन्य कोई दवा नहीं चलनी चाहिए। गंभीर बीमारी वाले जिन मरीजों पर स्टेरॉयड्स भी असर नहीं कर रहे, उन्हें टोसिलिजुमैब देने को कहा गया है। इन मरीजों को अन्य कोई (ट्यूबरक्लोसिस, फंगल या बैक्टेरियल) इंफेक्शन नहीं होना चाहिए।
दो-तीन हफ्ते से अधिक खांसी रहने पर ट्यूबरक्लोसिस का टेस्ट कराने का सुझाव
सरकार ने नई गाइडलाइंस में दो-तीन हफ्ते से अधिक समय तक खांसी रहने पर ट्यूबरक्लोसिस और ऐसी ही अन्य बीमारियों से संबंधित टेस्ट करने को भी कहा है। हल्की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए ये सुझाव दिया गया है।
देश में महामारी की क्या स्थिति?
भारत अभी ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहा है। बीते दिन देश में संक्रमण के 2,38,018 नए मामले सामने आए और 310 मरीजों की मौत दर्ज हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,76,18,271 हो गई है। इनमें से 4,86,761 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 17,36,628 हो गई है, वहीं रिकवरी रेट 94.09 प्रतिशत है।