
सावरकर के खिलाफ टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट की राहुल गांधी को फटकार, कहा- आगे कार्रवाई होगी
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने विनायक दमोदर सवारकर के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को शुक्रवार को फटकार लगाई और चेतावनी दी है।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की खंडपीठ ने मामले में लखनऊ हाई कोर्ट में राहुल के खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
हालांकि, कोर्ट ने चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी कोई टिप्पणी करते हैं तो उनके खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी।
सुनवाई
कोर्ट ने क्या कहा?
लाइव लॉ के मुताबिक, सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति दत्ता ने राहुल के बयान "सावरकर अंग्रेजों के सेवक थे" बयान पर आपत्ति जताई।
उन्होंने पूछा कि क्या महात्मा गांधी को इसलिए अंग्रेजों का सेवक कह सकते हैं क्योंकि उन्होंने वायसराय को अपने पत्र में "आपका वफादार सेवक" शब्द का उपयोग किया है।
न्यायमूर्ति दत्ता ने राहुल की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी को महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी के पत्रों का उदाहरण भी दिया।
सुनवाई
इंदिरा गांधी ने सावरकर को लिखा था पत्र- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि क्या आपके मुवक्किल को पता है कि उनकी दादी (इंदिरा गांधी) जब प्रधानमंत्री थीं, तब उन्होंने भी स्वतंत्रता सेनानी सज्जन (सावरकर) की प्रशंसा करते हुए एक पत्र भेजा था?
मानहानि का यह मामला 17 नवंबर, 2022 को महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा रैली के दौरान राहुल द्वारा की गई टिप्पणियों पर हुआ है, जहां उन्होंने कथित तौर पर सावरकर के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी।
सुनवाई
कार्रवाई पर रोक लगाने के इच्छुक- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि वह कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए इच्छुक है, लेकिन इस शर्त पर कि वह भविष्य में इस तरह का कोई बयान नहीं देंगे।
न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, "उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए। आप हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करते हैं। जब आपको भारत के इतिहास या भूगोल के बारे में कुछ भी पता नहीं है।"
सिंघवी ने मौखिक वचन दिया कि ऐसा बयान नहीं दिया जाएगा।
विवाद
क्या है सावरकर पर टिप्पणी का मामला?
महाराष्ट्र के अकोला में 17 नवंबर, 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने एक रैली के दौरान पत्र दिखाते हुए कहा था कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी और नौकर बने रहने की बात कही थी।
इसके खिलाफ लखनऊ के एडवोकेट नृपेंद्र पांडे ने जून 2023 में एडिशनल सीजेएम की कोर्ट में राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
हाईकोर्ट से 4 अप्रैल को राहत न मिलने पर राहुल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।