सरकार ने फिर घटाईं टमाटर की कीमतें, 70 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से करवाएगी उपलब्ध
केंद्र सरकार ने एक बार फिर टमाटर की कीमतें घटा दी हैं। सरकार ने कहा है कि गुरुवार से लोगों को टमाटर 70 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध करवाया जाएगा। केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह दिल्ली-NCR समेत देश के कई अन्य शहरों में सहकारी संगठनों के जरिए 90 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर टमाटर की बिक्री शुरू की थी, जिसे बाद में इसे घटाकर 80 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया था।
केंद्र सरकार ने क्या कहा?
केंद्र सरकार ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, "दिल्ली-NCR में टमाटर की खुदरा बिक्री 14 जुलाई से शुरू हुई थी। राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) 18 जुलाई तक अन्य राज्यों से कुल 391 मीट्रिक टन टमाटर खरीद चुके हैं।" सरकार ने कहा कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के प्रमुख उपभोग केंद्रों में टमाटर को सस्ती दरों पर लगातार उपलब्ध करवाया जा रहा है।
केंद्र ने सहकारी समितियों को दिए थे टमाटर खरीदने के निर्देश
केंद्र सरकार टमाटर की औसत खुदरा कीमत 3 गुना से अधिक होने के बाद हरकत में आई थी। सरकार ने NAFED और NCCF को अन्य राज्यों की मंडियों से तुरंत टमाटर खरीदने का निर्देश दिया था। सरकार ने इन संगठनों को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर खरीदकर उन शहरों में बेचने के लिए कहा था, जहां पर टमाटर की कीमतों में पिछले एक महीने में वृद्धि हुई है।
बारिश के कारण बढ़ी हैं टमाटर की कीमतें
दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में पिछले कुछ हफ्तों में टमाटर के दाम तेजी से बढ़े हैं। आमतौर पर जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर में टमाटर का उत्पादन कम होता है, लेकिन जुलाई में मानसून की बारिश के कारण टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा और इसका उत्पादन कम हुआ। इससे पहले गर्मी के कारण भी टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा था। उत्पादन कम होने पर दिल्ली-NCR में टमाटर नहीं पहुंच पाया और कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो गई।
क्या और बढ़ सकती है टमाटर की कीमत?
मानसून की वजह से देश के कई राज्यों में टमाटर की कीमतें 300 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई थीं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले हफ्तों में टमाटर की कीमत और भी बढ़ सकती हैं क्योंकि बारिश के कारण अभी नई फसल के लिए पौधारोपण करना असंभव है। उन्होंने कहा कि टमाटर की कीमत 300 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकती है और कीमतों को स्थिर होने में कम से कम 2 महीने का समय और लगेगा।