मणिपुर हिंसा: कुकी समुदाय ने किया सरकार द्वारा गठित शांति समिति का बहिष्कार, जानें वजह
मणिपुर में कुकी समुदाय ने दोबारा शांति स्थापित करने के लिए गठित शांति समिति के बहिष्कार का ऐलान किया है। कुकी समुदाय के कई प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें शांति समिति में शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं ली गई। कुकी समुदाय मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके समर्थकों को समिति में शामिल किए जाने से भी नाखुश है। गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने शनिवार को शांति समिति के गठन का ऐलान किया था।
केंद्र सरकार को भी होना चाहिए समिति का हिस्सा- कुकी समुदाय
NDTV के मुताबिक, कुकी इंपी मणिपुर (KIM) के अध्यक्ष अजांग खोंगसाई ने कहा कि वह शांति वार्ता के लिए मणिपुर सरकार के साथ नहीं बैठेंगे। एक अन्य प्रतिनिधि का कहना है कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पर सब कुछ छोड़ने की जगह केंद्र सरकार को भी समिति का हिस्सा होना चाहिए। अन्य कई कुकी संगठनों का आरोप है कि 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से ही उन्हें दरकिनार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को समिति में शामिल करने का हो रहा विरोध
इंडिजिनस ट्राइबल्स लीडर्स फोरम (ITLF) ने एक बयान में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को शांति समिति में शामिल किए जाने की निंदा की है। संगठन ने अपने बयान में कहा, "ऐसी शांति समिति का गठन केंद्र सरकार द्वारा कुकी समुदाय के गांवों में सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद किया जाना चाहिए। वर्तमान में कुकी समुदाय के 160 से अधिक गांव जल चुके हैं और मैतेई उग्रवादियों के हमले लगातार जारी हैं।"
शांति समिति में शामिल हैं विभिन्न समुदाय के प्रतिनिधि
गृह मंत्रालय ने शनिवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में शांति समिति के गठन का ऐलान किया था। इस समिति में कुल 51 सदस्य हैं, जिनमें विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, समिति में 25 सदस्य बहुसंख्यक मैतेई समुदाय से हैं, जबकि 11 सदस्य कुकी समुदाय के हैं। इस समिति में नागा समुदाय के 10, मुस्लिम समुदाय के 3 और नेपाली समुदाय के 2 प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
मैतेई संगठनों ने बताया सकारात्मक पहल
कुकी समुदाय के विरोध के बीच मैतेई संगठनों ने शांति समिति के गठन को सकारात्मक पहल करार दिया है। मैतेई संगठन ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब ऑर्गनाइजेशन (AMUCO) के अध्यक्ष नंदो लुवांग ने कहा, "शांति समिति का गठन एक सकारात्मक कदम है। मुझे आज गृह विभाग द्वारा सूचित किया गया कि मैं शांति समिति का सदस्य हूं। आने वाले दिनों में समिति के अध्यक्ष द्वारा बैठक बुलाए जाने के बाद चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।"
मणिपुर में एक महीने से जारी है हिंसा
मणिपुर में पिछले एक महीने से हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। दरअसल, मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी।