जम्मू हवाई अड्डे पर हमले के बाद कड़े किए जा सकते हैं ड्रोन संबंधी नियम
क्या है खबर?
जम्मू में वायुसेना के हवाई अड्डे पर ड्रोन से हमले के बाद केंद्र सरकार मानवरहित एयरक्राफ्ट सिस्टम (ड्रोन) संबंधी नियमों को कड़ा करने पर विचार कर रही है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को ये जानकारी देते हुए कहा कि अभी के नियम मैन्युफैक्चरर, इंपोर्टर या यूजर्स से ड्रोन के बारे में जानकारी निकालने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन दुश्मन ड्रोन कभी इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, इसलिए नियमों को कड़ा करने की जरूरत है।
पृष्ठभूमि
सऊदी की तेल फैक्ट्रियों पर हमले के बाद भारत ने बनाई थी समिति
रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में सऊदी अरब की दो बड़ी तेल फैक्ट्रियों पर ड्रोन हमले के बाद ही भारत सरकार ने दुश्मन ड्रोन से निपटने के लिए गाइडलाइंस पर काम करना शुरू कर दिया था।
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के महानिदेशक की अध्यक्षता वाली नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA), इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की समिति ने ये गाइडलाइंस बनाई थीं।
रिपोर्ट
सैन्य क्षेत्र में बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं छोटे ड्रोन- समिति
इस समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन्य क्षेत्र में छोटे ड्रोन इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि इसने युद्धक्षेत्र कमांडरों और योजनाकारों को चिंता में डाल दिया है।
इसमें लिखा है, "कुछ मामले में तो छोटे ड्रोन्स पर विस्फोटक हथियारों लगाए गए जिससे वे एक खतरनाक गाइडेड मिसाइल की तरह बन गए। इससे पता चलता है कि युद्ध क्षेत्र में इनका महत्व कितनी तेजी से बढ़ रहा है।"
बचाव
दुश्मन ड्रोन से निपटने के लिए सुझाए गए ये तरीके
समिति ने अपनी रिपोर्ट में दुश्मन ड्रोन से निपटने के लिए कुछ कदम भी सुझाए हैं।
राष्ट्रीय महत्व के इलाकों में रडार, रेडियो फ्रिक्वेंसी (RF) डिटेक्टर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रारेड कैमरा जैसे सुरक्षा उपकरण लगाने और RF जैमर, GPS स्पूफर्स, लेजर्स और ड्रोन कैचिंग नेट्स आदि तैनात का सुझाव दिया गया है।
इसके अलावा कॉर्डिनेटेड एक्शन के लिए वायु सेना की अध्यक्षता में NSG, CAPF, पुलिस विभागों, DGCA, AAI, IB और DRDO की समिति बनाने को कहा गया है।
जानकारी
नागरिक ड्रोन्स के लिए पहले से ही लागू हैं नियम
दुश्मन ड्रोन्स से निपटने की इन गाइडलाइंस के अलावा DGCA ने नागरिक ड्रोन्स से संबंधित नियम भी बनाए हुए हैं। इनमें ड्रोन को उड़ाने से पहले अनुमति लेने और बिना अनुमति के उड़ने से रोकने के लिए इनमें एक बिल्ट-इन फायरवॉल होना आदि शामिल हैं।
ड्रोन से हमला
जम्मू हवाई अड्डे पर शनिवार-रविवार की रात हुआ था हमला
जम्मू हवाई अड्डे पर शनिवार-रविवार की रात को ड्रोन्स के जरिए दो बम गिराए गए थे। इस हमले में दो वायुसैनिकों को मामूली चोटें आई थीं। वायुसेना की तरफ से बताया गया है कि एक धमाके से एक इमारत की छत को नुकसान पहुंचा है और दूसरा धमाका खाली जगह पर हुआ था।
ये भारत में ड्रोन के जरिए हमले का पहला मामला था और इसके पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का हाथ होने का शक है।