केंद्र सरकार ने वायनाड भूस्खलन को 'गंभीर प्राकृतिक आपदा' घोषित किया, जानिए क्या है इसका मतलब
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन को आधिकारिक तौर पर 'गंभीर प्राकृतिक आपदा' घोषित कर दिया है।
यह घोषणा 30 जुलाई, 2024 को हुई विनाशकारी घटना के 5 महीने बाद हुई है। भूस्खलन में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों विस्थापित हुए थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का निर्णय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) के मूल्यांकन पर आधारित था, जिसने आपदा की गंभीरता और पैमाने को स्वीकार किया था।
परिणाम
घोषणा से अतिरिक्त वित्तीय सहायता का रास्ता खुला
केंद्र सरकार की घोषणा से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से अधिक वित्तीय सहायता का रास्ता साफ हो गया है।
यह राहत कार्य में तेजी लाने तथा पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास के लिए पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से मिलने वाली प्रारंभिक सहायता के अतिरिक्त होगा।
वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे सही दिशा में उठाया गया कदम करार दिया है।
विरोध
केंद्र सरकार ने विरोध के बाद की घोषणा
केंद्र सरकार की यह घोषणा केरल सरकार की आलोचना और सांसदों द्वारा वायनाड के लिए वित्तीय सहायता की मांग को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद आई है।
14 दिसंबर को प्रियंका सहित विपक्षी सांसदों ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के लिए राहत पैकेज की मांग को लेकर संसद में विरोध प्रदर्शन किया था।
उस दौरान प्रियंका ने कहा था, "सरकार वायनाड को विशेष पैकेज देने से इनकार कर रही है। प्राकृतिक आपदाओं में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।"
मंजूरी
केरल हाई कोर्ट ने पुनर्वास के लिए भूमि अधिग्रहण की दी मंजूरी
हाल ही में केरल हाई कोर्ट ने आपदा में बचे हुए लोगों के लिए एक मॉडल टाउनशिप बनाने के लिए निजी सम्पदाओं से भूमि अधिग्रहण करने की मंजूरी दी थी।
इस निर्णय से भूस्खलन के बाद पुनर्वास प्रयासों में आने वाली बड़ी बाधा दूर हो गई है।
कोर्ट की मंजूरी से पुनर्निर्माण प्रक्रिया में तेजी आने तथा केरल की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक से प्रभावित लोगों के लिए सामान्य स्थिति बहाल होने की संभावना है।