दिल्ली: शिक्षकों भर्ती में कथित अनियमितता की जांच करेगी CBI, जानें मामला
क्या है खबर?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली सरकार द्वारा सहायता प्राप्त वैदिक संस्कृत कृषि शिक्षा सोसायटी द्वारा संचालित स्कूल में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता की जांच के लिए एक FIR दर्ज की है।
वैदिक संस्कृत कृषि उच्च माध्यमिक स्कूल ने हाल ही में शिक्षक के 18 खाली पदों में से 16 पदों पर भर्ती की थी।
CBI का आरोप है कि चयनित शिक्षकों में से 6 शिक्षकों ने जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाई है।
रिपोर्ट
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष की संलिप्तता आई सामने
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षक भर्ती में 6 उम्मीदवारों की नियुक्तियां जाली दस्तावेजों के आधार पर स्कूल की प्रबंधन समिति के तत्कालीन अध्यक्ष कृष्ण राणा की संलिप्तता से हुई।
CBI ने अपनी FIR में आपराधिक साजिश और जालसाजी की धाराओं में राणा और 6 उम्मीदवारों को नामजद किया है।
मामले में जांच एजेंसी ने हाल ही में दिल्ली, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में 13 स्थानों पर तलाशी ली थी।
जांच
CBI को प्रारंभिक जांच में क्या मिला?
प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि एक अभ्यर्थी प्रवीण बजाद, जिसे राजनीति विज्ञान के शिक्षक पद के लिए चुना गया था, वह पहले ही कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षा में धोखाधड़ी के एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया जा चुका है।
प्रवीण ने इस तथ्य को छुपाते हुए भर्ती के लिए आवेदन किया था। उसकी कलिंगा विश्वविद्यालय से ली गई स्नात्कोत्तर की डिग्री भी प्रथमदृष्टया जाली लगती है क्योंकि उसका उस कॉलेज में जाने का रिकॉर्ड नहीं है।
आरोपी
अन्य किन उम्मीदवारों ने जाली दस्तावेज पर पाई नियुक्ति?
CBI अधिकारियों के अनुसार, शिक्षक भर्ती के 3 अन्य उम्मीदवारों सोनिया (सामाजिक विज्ञान शिक्षक पद), प्रतिभा (अर्थशास्त्र शिक्षक पद) और मनीष कुमार (वाणिज्य शिक्षक पद) ने भी जाली दस्तावेज जमा किए थे।
इन तीनों उम्मीदवारों ने उत्तराखंड के काठगोदाम स्थित जिम कॉर्बेट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से एक जाली अनुभव प्रमाणपत्र लेकर शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया था।
इसके अलावा पिंकी आर्य (संस्कृत शिक्षक पद) और चित्र रेखा (अंग्रेजी शिक्षक) ने भी नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेज प्रस्तुत किये।
जांच
शिक्षा विभाग के अधिकारी भी CBI जांच के दायरे में
मामले में CBI ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को भी अपनी जांच के दायरे में लिया है।
प्राथमिक जांच से पता चला है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितताओं के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
ऐसे में CBI इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मामले में विभागीय अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका की भी जांच कर रही है।