रेल में गोलियां चलाने वाले RPF जवान के खिलाफ 'धार्मिक दुश्मनी' फैलाने को लेकर मामला दर्ज
क्या है खबर?
रेलवे पुलिस ने मुंबई सेंट्रल-जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में गोलियां चलाने वाले रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कांस्टेबल चेतन सिंह के खिलाफ धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में केस दर्ज किया है।
बता दें कि सिंह ने 31 जुलाई की तड़के जयपुर से मुंबई आ रही ट्रेन में एस्कॉर्ट ड्यूटी पर तैनात अपने सीनियर और असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) टीकाराम मीणा समेत 4 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
आरोप
वीडियो वायरल होने के बाद जोड़ी गई धारा 153ए
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आरोपी कॉन्स्टेबल के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता (IPC) की धारा 153ए (समाज में धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना) घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो के आधार पर जोड़ी गई है।
दरअसल, ट्रेन में मौजूद यात्रियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो सिंह एक शख्स को गोली मारने के बाद उसके पास खड़े होकर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए दिख रहा था।
केस
और किन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस?
आरोपी कॉन्स्टेबल चेतन सिंह के खिलाफ IPC की धारा 153ए और 363 (अपहरण) के अलावा धारा 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) और 342 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से बंधक बनाना) के तहत भी केस दर्ज किया गया है।
बता दें कि आरोपी के खिलाफ पहले ही धारा 302 (हत्या) के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया जा चुका है।
हिरासत
11 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है आरोपी
मुंबई के बोरीवली की एक कोर्ट ने आरोपी कॉन्स्टेबल को 11 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। उसे इससे पहले 7 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा गया था।
गौरतलब है कि मामले की जांच कर रही रेलवे पुलिस की टीम ने शुक्रवार को शिकायतकर्ता कॉन्स्टेबल घनश्याम आचार्य ट्रेन के साथ ट्रेन के B5 कोच से लेकर S6 कोच के अंदर जाकर क्राइम सीन को रिक्रिएट किया था।
मामला
जांच में सहयोग नहीं कर रहा है आरोपी कॉन्स्टेबल- पुलिस
रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी कॉन्स्टेबल जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, जिसके कारण वे चलती ट्रेन में 4 हत्याओं के पीछे के मकसद का पता नहीं लगा पा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "आरोपी हिरासत में भी मानसिक रूप से अस्थिर होने की तरह व्यवहार कर रहा है, लेकिन हम इसके झांसे में नहीं आ रहे हैं और मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं।"