सिख विरोधी दंगे: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पर CBI ने लगाया हत्या का आरोप
1984 सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज चार्जशीट दायर की है। इसमें टाइटलर पर हत्या का आरोप लगाया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि टाइटलर ने पुल बंगस गुरुद्वारे के पास भीड़ को सिखों को मारने के लिए उकसाया था, जिसके परिणामस्वरूप भीड़ ने 3 सिखों की हत्या कर दी और गुरुद्वार में आग लगा दी।
CBI की चार्जशीट में और क्या-क्या बातें हैं?
CBI ने चार्जशीट में 2 गवाहों के बयानों का भी उल्लेख किया है। एक गवाह ने कहा कि उसने टाइटलर को कार से निकलते और भीड़ को उकसाते हुए देखा था। एक अन्य गवाह ने कहा कि टाइटलर हमले के वक्त गुरुद्वारे के सामने मौजूद थे और भीड़ को उसका रहे थे। गवाह ने कहा कि भीड़ पेट्रोल, डंडे, लाठी और तलवारें लेकर गुरुद्वारे की ओर जा रही थी।
टाइटलर ने कहा था- अभी पर्याप्त सिखों की हत्या नहीं हुई
CBI की चार्जशीट में दर्ज बयानों में एक गवाह ने कहा, "मैंने टीबी अस्पताल गेट के पास खड़े लोगों के एक समूह को देखा, जहां एक कार आरोपी टाइटलर को लेकर आई। इसके बाद उन्होंने भीड़ को डांटते हुए कहा कि उनके निर्देशों का ईमानदारी से पालन नहीं किया गया। टाइटलर ने लोगों से कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में पूर्वी दिल्ली, कैंट आदि इलाकों की तुलना में सिखों की नाममात्र की हत्या हुई है।"
टाइटलर को मिल चुकी है अग्रिम जमानत
बता दें कि इस मामले में टाइटलर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है। शुक्रवार को कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी है। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने कहा कि टाइटलर कोर्ट की इजाजत के बिना देश से बाहर नहीं जा सकेंगे और मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। इस मामले में कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सिख समुदाय ने किया जमानत का विरोध
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने टाइटलर को जमानत देने का विरोध किया है। समिति के सदस्यों ने कोर्ट के बाहर धरना देते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने टाइटलर की जमानत रद्द करने और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की सख्त धाराओं में मुकदमा चलाने की मांग की। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने कोर्ट परिसर का प्रवेश द्वार बंद कर दिया था, जिसे लेकर प्रदर्शनकारियों और दिल्ली पुलिस के बीच हल्की-फुल्की झड़प की भी खबर है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 31 अक्टूबर 1984 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। इसके बाद 1 नवंबर, 1984 में दिल्ली के आजाद मार्केट में स्थित पुल बंगस गुरुद्वारा को भीड़ ने आग लगा दी थी और 3 सिख ठाकुर सिंह, बादल सिंह, गुरचरन सिंह को जलाकर मार डाला था। CBI ने जांच में पाया कि जगदीश टाइटलर ने भीड़ को भड़काया था।