कैसे बिहार में ट्रेन इंजन और बोगी के बीच फंसने से हुई रेलकर्मी की मौत?
बिहार के बरौनी जंक्शन पर शनिवार को बड़ा ही दर्दनाक हादसा घटित हुआ। वहां शंटिंग (रेल इंजन और बोगी को जोड़ने और अलग करने की प्रक्रिया) के दौरान समन्वय की कमी से एक रेलकर्मी (प्वाइंट्समैन) की हृदय विदारक मौत हो गई। रेलवे की ओर से की गई इस घटना की प्राथमिक जांच में इसका कारण 2 रेलकर्मियों के बीच सही तालमेल न होना पाया गया है। हालांकि, अब रेलवे ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
बरौनी जंक्शन पर कैसे हुआ हादसा?
रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 15204) सुबह 8:10 बजे बरौनी जंक्शन के प्लेटफॉर्म 5 पर पहुंची थी। उसके बाद करीब 10 बजे स्टेशन मास्टर ने समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय निवासी पॉइंट्समैन (शंटिगमैन) अमर कुमार राउत (35) और मोहम्मद सुलेमान को इंजन को बोगी से अलग करने का काम सौंपा था। इस दौरान जब अमर कपलिंग खोल रहा था तो इंजन अचानक पीछे आ गया। इससे अमर की बफर के बीच दबने से मौत हो गई।
क्या होती है शंटिंग, कपलिंग और बफर?
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन के इंजन को बोगी से अलग करने या जोड़ने की प्रक्रिया को शंटिंग कहा जाता है। इसी तरह इंजन और बोगी को जोड़ने या खोलने के लिए लोहे के हुक या कुंदे को लगाने और हटाने की प्रक्रिया को कपलिंग कहा जाता है। बफर इंजन और बोगी के दोनों सिरों पर होते हैं। यह शॉकर का काम करते हैं। इंजन और बोगी के आपस में टकराने पर ये बफर झटके का असर कम करते हैं।
प्राथमिक जांच में क्या सामने आया हादसे का कारण?
आजतक ने 5 अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित रेलवे की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर लिखा है कि शंटिंगमैन अमर और सुलेमान के बीच शंटिंग प्रक्रिया के दौरान सही तरीके से तालमेल नहीं हुआ। इसकी वजह से सुलेमान ने इंजन ड्राइवर को गलत मैसेज दिया और अमर कुमार को जान गंवानी पड़ी। रेलवे में कोच को इंजन से अलग करने की जिम्मेदारी शंटिंगमैन की होती है। रिपोर्ट में घटना के लिए प्राथमिक तौर पर सुलेमान को जिम्मेदार ठहराया गया है।
सुलेमान ने किया आरोपों का खंडन
सुलेमान ने लिखित बयान में रेलवे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना के लिए लोको पायलट जिम्मेदार है। उन्होंने और अमर ने कपलर को हटाकर इंजन और बोगी को अलग कर दिया था, लेकिन इसके बाद अचानक इंजन पीछे आ गया। सुलेमान का कहना है उन्होंने लोको पायलट को कोई इशारा नहीं दिया था, फिर भी उसने इंजन पीछे कर दिया, जिससे अमर की बफर्स के बीच फंसने से मौत हो गई।
घटना की होगी उच्च स्तरीय जांच
रेलवे अधिकारियों ने अब प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और सुलेमान के लिखित बयान को देखते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। घटना को लेकर मंडल रेल प्रबंधक (DRM) विवेक भूषण ने कहा कि मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। आगे इस तरह का हादसा न हो, इसको लेकर गंभीरता बरती जाएगी। इसके साथ ही मृतक रेलकर्मी को रेलवे प्रावधानों के तहत मुआवजा दिया जाएगा। यह रेलवे के लिए चिंताजनक घटना है।