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बिहार में 64 लाख से अधिक मतदाताओं पर लटकी तलवार, SIR में 99.8 प्रतिशत मतदाता शामिल
बिहार में SIR को लेकर विपक्षी सांसदों का संसद परिसर में प्रदर्शन (तस्वीर: एक्स/@INCBihar)

बिहार में 64 लाख से अधिक मतदाताओं पर लटकी तलवार, SIR में 99.8 प्रतिशत मतदाता शामिल

लेखन गजेंद्र
Jul 25, 2025
05:44 pm

क्या है खबर?

बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) लगभग पूरा हो गया है। इसके तहत 65 लाख से अधिक मतदाताओं पर सूची से बाहर जाने की तलवार लटक रही है। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि SIR के तहत 99.8 प्रतिशत मतदाताओं को शामिल किया जा चुका है, जिसमें 7.23 करोड़ मतदाताओं ने दिलचस्पी दिखाई है। आयोग के मुताबिक, जिन 7,23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म मिले हैं, उन्हें ड्रॉफ्ट मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।

पुनरीक्षण

22 लाख मृत मतदाताओं के नाम आए सामने

आयोग के मुताबिक, बिहार में SIR के तहत लगभग 22 लाख मृत मतदाताओं के नामों की पहचान की गई है। साथ ही करीब 7 लाख मतदाता ऐसे हैं, जो विभिन्न स्थानों पर पंजीकृत पाए गए हैं, जबकि 35 लाख मतदाता या तो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या उनका कोई पता नहीं चल पाया है। आयोग का कहना है कि अभी 1.2 लाख मतदाताओं के गणना फॉर्म जमा नहीं हुए हैं, जो 1 अगस्त तक हो जाएगा।

सूची

12 राजनीतिक पार्टियों को सौंपी गई सूची

जिन मतदाताओं ने फॉर्म नहीं भरा, जिनकी मृत्यु हो गई या जो पलायन कर गए हैं, उनकी सूची 20 जुलाई को आयोग 12 राजनीतिक दलों को सौंप चुका हैं। बहुजन समाज पार्टी, भाजपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), नेशनल पीपुल्स पार्टी, आम आदमी पार्टी की आपत्ति के बाद मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को जारी होगी।

जांच

राजनीतिक पार्टियों ने लगाए थे 1.60 लाख BLO

बिहार में SIR के लिए 38 जिला निर्वाचन अधिकारी, 243 ERO, 2,976 AERO, 77,895 मतदान केन्द्रों पर तैनात BLO, स्वयंसेवकों, सभी 12 राजनीतिक दलों, उनके 38 जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित 1.60 लाख BLO काम में लगे थे। अगर कोई मतदाता या राजनीतिक दल किसी प्रकार की आपत्ति दर्ज करना चाहता है तो 1 अगस्त से 1 सितंबर तक कर सकता है। SIR में सबसे अधिक 53,338 BLO भाजपा, 47,506 RJD, 36,550 JDU और 17,549 कांग्रेस ने लगाए थे।

योजना

क्या है SIR?

चुनाव आयोग मतदाता सूची में 3 तरह से सुधार करता है। एक समरी रिवीजन, दूसरा गहन पुनरीक्षण और तीसरा विशेष संशोधन। गहन पुनरीक्षण एक तरह से नई मतदाता सूची बनाने का काम है। इसके लिए घर-घर जाकर लोगों की गणना की जाती है, फिर निर्धारित दस्तावेजों के निरीक्षण के बाद उनका नाम मतदाता सूची में शामिल या हटाया जाता है। विपक्ष का कहना है कि ये गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक मतदाताओं का वोट काटने की साजिश है।