सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिया मतदान के वीडियो सुरक्षित रखने का आदेश
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को मतदान गतिविधियों की सभी वीडियो रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,200 से बढ़ाकर 1,500 करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है।
कोर्ट ने चुनाव आयोग को हलफानामा दाखिल करने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है।
याचिका
याचिका में क्या कहा गया है?
याचिकाकर्ता इंदु प्रकाश सिंह चुनाव ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के चुनाव आयोग के अगस्त 2024 के फैसले को चुनौती देते हुए जनहित याचिका (PIL) दायर की थी।
इसमें दावा किया गया है कि चुनाव आयोग का यह फैसला मनमाना है और बिना आंकड़ों के लिया गया है। उ
न्होंने चिंता जताई कि इस बदलाव से चुनावों में मतदाताओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि उन्हें लंबी कतारों में लगने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
तर्क
सिंह ने याचिका में क्या दिया तर्क?
सिंह के अनुसार, मतदान आमतौर पर 11 घंटे तक चलता हैं और एक वोट में 60 से 90 सेकंड लगते हैं, इसलिए एक EVM का उपयोग करके एक मतदान केंद्र पर 660 से 490 लोग मतदान कर सकते हैं।
65.70 प्रतिशत औसत मतदान देखते हुए यह समझा जा सकता है कि 1,000 मतदाताओं के लिए बनाए गए मतदान केंद्र पर लगभग 650 मतदाता ही वोट डालेंगे। इसके बाद भी कुछ बूथ पर 85 से 90 प्रतिशत तक मतदान हुआ है।
याचिका
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी दायर की थी जनहित याचिका
सिंह ने कहा कि ऐसी स्थिति में 20 प्रतिशत मतदाता या तो मतदान समय के बाद कतार में खड़े रहेंगे या फिर लंबे इंतजार के कारण अपने मताधिकार का प्रयोग करना छोड़ देंगे। लोकतंत्र में दोनों में से कोई भी स्वीकार्य नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पीठ ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा दायर जनहित याचिका पर भी 15 जनवरी को केंद्र सरकार से जवाब मांगा था, जिसमें चुनाव संचालन नियम 1961 में संशोधन को चुनौती दी गई थी।