प्रशांत किशोर की नीतीश कुमार को चेतावनी, बोले- 10 लाख नौकरियां नहीं दी तो करूंगा घेराव
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर से निशाना साधते हुए पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उन्हें चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर अपने वादे के मुताबिक नीतीश ने 10 लाख सरकारी नौकरी प्रदान नहीं कीं तो वह राज्य के युवाओं के साथ उनका घेराव करेंगे। इससे पहले प्रशांत यह भी कह चुके हैं कि अगर बिहार की महागठबंधन सरकार 5-10 सरकारी नौकरियां प्रदान कर देती है तो वह नीतीश को अपना समर्थन दे देंगे।
प्रशांत किशोर ने क्या कहा?
शनिवार को पूर्वी चंपारण जिले के मखनिया गांव में मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "गांधी मैदान में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) ने वादा किया था कि महागठबंधन की सरकार का लक्ष्य सरकारी क्षेत्र में 10 लाख लोगों को नौकरी प्रदान करना है।" उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी यह वादा किया था और अगर नीतीश इसमें असफल रहे तो वह बिहार के युवाओं के साथ उनका घेराव करेंगे।
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश ने किया किया था नौकरियों का ऐलान
बता दें कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद इस 15 अगस्त को नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि राज्य के 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को अन्य व्यवस्थाओं के जरिये नौकरी दी जाएगी। यह वादा करते हुए उन्होंने कहा था, "हम लोग (राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइडेट) अब एक साथ आ गए हैं और हम लोगों की चाहत है कि राज्य के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी जाएं।"
बिहार में 'जन सुराज अभियान' चला रहे हैं प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ चुके प्रशांत अभी बिहार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और 'जन सुराज अभियान' चला रहे हैं। इस अभियान के तहत वह पदयात्रा करके गांव-गांव जा रहे हैं और स्थानीय ग्रामीणों से मिल रहे हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश के कामकाज पर सवाल उठाए हैं और इसी के कारण दोनों के संबंधों में खटास बढ़ना शुरू हुई है।
एक समय बेहद करीबी थे नीतीश और प्रशांत
बता दें कि नीतीश और प्रशांत एक समय बेहद करीबी हुआ करते थे और 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत ने ही नीतीश का चुनाव प्रचार संभाला था। वह 2018 में नीतीश की पार्टी JDU में भी शामिल हो गए थे और कुछ समय तक पार्टी के उपाध्यक्ष रहे थे। हालांकि नागरिकता कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) जैसे मुद्दों पर नीतीश की खिलाफत करने पर उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था।