
बेंगलुरु की अदालत ने बलात्कार मामले में प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ तय किए आरोप
क्या है खबर?
बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने शनिवार को जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार के एक मामले में औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए।
आरोपों में भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गंभीर अपराध शामिल हैं। इससे अब रेवन्ना की मुश्किले और बढ़ गई हैं।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रेवन्ना की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
आरोप
अदालत ने इन धाराओं में तय किए आरोप
अदालत ने रेवन्ना पर IPC की धारा 376(2)(K) (नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति में किसी व्यक्ति द्वारा बलात्कार), 376(2)(N) (एक ही महिला से बार-बार बलात्कार), 354(A) (यौन उत्पीड़न), 354(B) (कपड़े उतारने के लिए महिला पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354(C) (चुपके से देखना), 506 (आपराधिक धमकी) और 201 (सबूत मिटाना) के तहत आरोप तय किए हैं।
इसी तरह रेवन्ना पर गोपनीयता के उल्लंघन से संबंधित IT अधिनियम की धारा 66(E) के तहत भी आरोप लगाए हैं।
खारिज
अदालत ने खारिज की आरोप मुक्त करने की मांग वाली याचिका
इससे पहले 3 अप्रैल को विशेष अदालत ने रेवन्ना की यौन उत्पीड़न मामले में आरोप मुक्त करने की मांग वाली याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया था कि आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री मौजूद है।
विशेष अदालत की अध्यक्षता करने वाले न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने कहा था कि रिकॉर्ड में रखी गई सामग्रियां मुकदमे के अगले चरण में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त हैं। ऐसे में आरोप मुक्त करने का कोई भी आधार मौजूद नहीं है।
पृष्ठभूमि
क्या है बलात्कार का मामला?
अप्रैल 2024 में प्रज्वल के सैकड़ों सेक्स टेप सामने आए, जिनमें कई वीडियो में वह महिलाओं की मर्जी के बिना संबंध बनाते और फिल्माते नजर आए हैं।
प्रज्वल की घरेलू सहायिका ने सबसे पहले इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। बाद में अन्य मामले भी सामने आए।
इस बीच प्रज्वल जर्मनी भाग गए थे और मामले की जांच SIT को सौंप दी गई थी। 31 मई को प्रज्वल जर्मनी लौटे और फिलहाल न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं।