कोरोना: देश में प्रमुखता से फैल रहा B.1.617 स्ट्रेन, जीनोम सीक्वेंसिंग में आया सामने
भारत में इन दिनों कोरोना वायरस का B.1.617.2 वेरिएंट प्रमुख से फैल रहा है। यह वेरिएंट सबसे पहले महाराष्ट्र में मिला था, जो अब देश के दूसरे हिस्सों को भी अपनी चपेट में ले चुका है। इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के तहत काम करने वाले अलग-अलग संस्थानों के वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोरोना का यह स्ट्रेन अब बाकी वेरिएंट की तुलना में ज्यादा फैल रहा है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
20,000 में से 8,000 सैंपलों में मिला B.1.617 स्ट्रेन
वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए बनाए गए INSACOG ने अलग-अलग राज्यों में 20,000 से अधिक सैंपल की जांच की और इनमें से लगभग 8,000 में B.1.617 स्ट्रेन को पाया। B.1.617 सबसे पहले भारत में मिले स्ट्रेन का तकनीकी नाम है। इसके 1, 2 और 3 सब-लिनिएज हैं। B.1.617.2 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर चुका है। यह वेरिएंट तेजी से फैलता है और वैक्सीन से मिली सुरक्षा को भी चकमा दे सकता है।
"अलग-अलग जगहों पर अलग स्थिति"
नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के प्रमुख डॉ सुजीत सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कि सभी राज्यों में तस्वीर एक जैसी नहीं है। किसी जगह B.1.617 स्ट्रेन फैल रहा है तो कुछ जगहों पर B.1.1.7. (UK वेरिएंट) प्रमुखता से पाया जा रहा है। भारत में मिले स्ट्रेन की बात करें तो ज्यादातर सैंपलों में B.1.617.2 स्ट्रेन सामने आ रहा है। INSAGOC के वैज्ञानिक नए वेरिएंट सामने आने की वजह भी पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं।
WHO की मुख्य वैज्ञानिक ने भी B.1.617 को लेकर जताई थी चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने भी भारत में मौजूदा कोरोना संकट के पीछे इस स्ट्रेन का हाथ बताया था। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में मिला कोरोना का B.1.617 वेरिएंट साफ तौर पर मौजूदा स्थिति के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार है। उनका कहना था कि भारत में महामारी की वर्तमान स्थिति के लिए कई दूसरे पहलू भी जिम्मेदार हैं, लेकिन तेजी से फैलता वेरिएंट उनमें से प्रमुख है।
बढ़ाई जाएंगी जीनोम सीक्वेंसिंग करने वाले लैब की संख्या
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स के निदेशक और INSAGOC में जीनोम सीक्वेंसिंग कॉर्डिनेट करने वाले डॉ सौमित्र दास ने कहा कि नियमित तौर पर SARS-CoV-2 में जीनोम वेरिएशन की पहचान करने के लिए लैब की संख्या बढाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिक लैब्स की जरूरत है ताकि पर्याप्त मात्रा में सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा सके। हालांकि, अभी इसके लिए निजी क्षेत्र की मदद नहीं ली जाएगी और केवल सरकारी लैब्स से ही काम लिया जाएगा।
देश में कम होने लगे कोरोना के मामले
भारत में पिछले कुछ दिनों से दैनिक मामलों में गिरावट देखी जा रही है और हालात सुधरने लगे हैं। बीते दिन देश में कोरोना के 2,59,551 नए मामले सामने आए और 4,209 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,60,31,991 हो गई है। इनमें से 2,91,331 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 30,27,925 रह गई है।