महाराष्ट्र: कोरोना की दूसरी लहर में अधिक प्रभावित हुए युवा, बढ़ा मौत और संक्रमण का ग्राफ
कोरोना महामारी की दूसरी लहर से महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित रहा है। यहां अभी भी प्रतिदिन हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं और सैकड़ों मौतें हो रही है। इसी बीच चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य में दूसरी लहर में युवा वर्ग खासा प्रभावित हुआ है। पहली लहर की तुलना में यहां 30 वर्ष से कम आयु के युवा अधिक संख्या में संक्रमण की चपेट में आए हैं और मौतों का ग्रफ भी तेजी से बढ़ा है।
चार महीने में हुई 30 साल से कम के 651 युवाओं की मौत
TOI के अनुसार राज्य में जनवरी से 9 मई 2021 के बीच राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते 30 साल कम उम्र से 651 युवाओं की मौत हुई है। इनमें 21-31 साल के 477 युवा शामिल है। इसके उलट पहली लहर यानी मार्च से दिसंबर 2020 के 10 महीनों में इस आयु वर्ग के 1,117 लोगों की मौत हुई थी। ऐसे में पहली लहर की तुलना में इस बार युवाओं की अधिक तेजी से मौत हुई है।
चार महीने में 40 साल से कम उम्र वाले 2,260 युवाओं की हुई मौत
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार महामारी की पहली लहर में 40 साल से कम उम्र के 9.3 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आए थे और 3,569 की मौत हुई थी, लेकिन दूसरी लहर में 16 लाख लोक संक्रमित हुए और 2,260 ने दम तोड़ दिया। इसी तरह पहली लहर में 40 साल से ऊपर के 10.1 लाख लोग संक्रमित हुए थे और 44,887 की मौत हुई थी, लेकिन दूसरी में आंकड़ा 15 लाख संक्रमण और 22,141 मौतों पर पहुंच गया।
20-40 साल आयु वर्ग के 12.9 लाख लोग हुए संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार पहली लहर में 20-40 साल आयु वर्ग के महज 7.3 लाख लोग ही कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आए थे, लेकिन दूसरी लहर में यह संख्या चार महीने में ही 12.9 लाख के पार पहुंच गई।
दूसरी लहर में ICU में बढ़ी युवाओं की संख्या- नागवेकर
राज्य टास्क फोर्स के सदस्य डॉ वसंत नागवेकर ने कहा कि पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में अस्पतालों के ICU में युवाओं की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि पहली लहर में ICU और वेंटीलेटर की जरूरत वाले मरीजों की औसत आयु 50 साल थी, लेकिन 25 साल के युवा भी ICU में भर्ती हो रहे हैं। बांद्रा के लीलावती अस्पताल में इस समय वेंटिलेटर पर सबसे कम उम्र का मरीज 21 साल का है।
अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि में भी हुआ इजाफा- पंडित
मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल में ICU के प्रमुख डॉ राहुल पंडित ने कहा कि पहली लहर में मरीजों के ICU में भर्ती रहने का औसत समय आठ दिन था, लेकिन दूसरी लहर में यह समय 14-15 दिन पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि युवा सहित अन्य मरीज समय पर अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन उनमें ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम पाया जा रहा है। ऐसे में उन्हें लंबे समय तक ICU में रखना पड़ रहा है।
दूसरी लहर में युवाओं में अधिक आ रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानी
डॉ नागवेकर ने कहा कि दूसरी लहर में 20-40 साल के युवाओं में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी अधिका आ रही है। संक्रमण के कारण युवाओं में रक्त के थक्के जमने और फेफड़ों के अधिक क्षतिग्रसत होने की समस्याा अधिक है। इसके कारण उनकी रिकवरी भी धीमी हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे वायरस के नए स्ट्रेन कारण हो सकते हैं, लेकिन अस्पताल में हल्के लक्षणों के साथ आने वाले युवाओं की कुछ दिन में ही स्थिति बिगड़ रही है।
महाराष्ट्र में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
महाराष्ट्र में अब कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है, लेकिन अभी भी हजारों की संख्या में मामले आ रहे हैं। बुधवार को भी राज्य में संक्रमण के 34,031 नए मामले सामने आए और 594 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 54,67,537 पर पहुंच गई है। इनमें से 84,371 की मौत हो चुकी है। इसी तरह राज्य में वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या गिरकर 4,04,229 पर आ गई है।