दिल्ली: अब न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और मंगोलपुरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान, AAP विधायक हिरासत में
क्या है खबर?
कल शाहीन बाग में असफल कोशिश के बाद अब आज दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और मंगोलपुरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है।
भारी मात्रा में पुुलिस की मौजूदगी के बीच यहां बुलडोजर चल रहे हैं। न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) और मंगोलपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) ये अभियान चला रहे हैं।
विरोध करने पर मंगोलपुरी में आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक मुकेश अहलावत को हिरासत में ले लिया गया है।
बयान
NDMC पहले साबित करे कि इलाके में अतिक्रमण है- विधायक
अहलावत ने मामले पर कहा, "जब लोगों ने इलाके को खाली कर दिया है तो NDMC बुलडोजर का इस्तेमाल करके उन्हें परेशान क्यों कर रही है। हम इसके खिलाफ हैं... उन्हें पहले साबित करना होगा कि यहां अतिक्रमण है।"
वहीं DCP समीर शर्मा ने कहा, "अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है। स्थानीय विधायक (मुकेश अहलावत) यहां आए और कहा कि JCB की क्या जरूरत है। स्थिति को बिगड़ने से बचाने के लिए हमने विधायक को हिरासत में ले लिया है।"
शाहीन बाग
कल लोगों के विरोध के बाद शाहीन बाग से लौट आई थीं बुलडोजर
बता दें कि SDMC ने कल नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र रहे शाहीन बाग में भी अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने की कोशिश की थी।
इसके लिए बुलडोजर मौके पर पहुंच गई थीं और भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात किया गया था।
हालांकि स्थानीय लोगों के जबरदस्त विरोध और AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के दखल देने के बाद बुलडोजर बिना कोई अभियान चलाए वापस लौट गए।
उन्होंने कहा था कि इलाके में कोई अतिक्रमण नहीं है।
अतिक्रमण हटाओ अभियान
पिछले महीने जहांगीरपुरी में चली थी बुलडोजर
बता दें कि पिछले महीने NDMC ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली स्थित जहांगीरपुरी में भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था। इस दौरान नौ बुलडोजरों ने कई घरों, दुकानों और रेहड़ियों को तोड़ दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये अभियान रुका था। कोर्ट अभी भी मामले पर सुनवाई कर रही है और उसने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। हालांकि कोर्ट ने शाहीन बाग में कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
बुलडोजर का इस्तेमाल
न्यूजबाइट्स प्लस
पिछले कुछ महीनों से बुलडोजर का इस्तेमाल काफी बढ़ा है। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर समर्पण का दबाव बनाने के लिए बुलडोजर भेजे गए थे।
इसके बाद गुजरात और मध्य प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों की संपत्तियों को ढहाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया।
हालांकि, बुलडोजर के इस्तेमाल पर सवाल भी उठ रहे हैं और कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि बिना दोषी साबित हुए किसी का घर नहीं तोड़ा जा सकता।