गुजरात: खंभात के बाद हिम्मतनगर में सांप्रदायिक हिंसा वाली जगह पर चला बुलडोजर
क्या है खबर?
गुजरात के खंभात के बाद अब हिम्मतनगर में भी बुलडोजर का पीला पंजा चल गया। दरअसल, रामनवमी के मौके पर इन दोनों जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।
खंभात में पहले ही हिंसा के आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जा चुका था।
अब मंगलवार को हिम्मतनगर में उसी जगह पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बुलडोजर चलाया गया, जहां हिंसा हुई थी। यहां पर कई दुकानों और कियोस्कों को ढहाया गया है।
पृष्ठभूमि
गुजरात के दो जिलों में हुई थी हिंसा
गुजरात के आणंद जिले के खंभात और साबरकंठा जिले के हिम्मतनगर में सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। दोनों जगहों पर पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुई थीं।
पुलिस को उपद्रवियों पर काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले फायर करने पड़े।
पुलिस ने बताया कि खंभात में शोभयात्रा के दौरान जहां दो समूहों के बीच टकराव हुआ था, वहां से एक 65 वर्षीय बुजुर्ग की लाश मिली थी।
बयान
प्रशासन ने बताई नियमित कार्रवाई
अतिक्रमण हटाने की जानकारी देते हुए हिम्मतनगर के मुख्य नगरपालिका अधिकारी नवनीत पटेल ने बताया कि इस अभियान के दौरान 3-4 कियोस्क, 2-3 झुग्गियां और एक दो मंजिला दुकान की इमारत ढहाई गई है। इन्होंने सड़क पर तीन मीटर तक अतिक्रमण किया हुआ था।
उन्होंने इसे नियमित कार्रवाई बताते हुए कहा कि इसका 10 अप्रैल की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है। इन अवैध निर्माणों को 2020 में नोटिस भेजा गया था। दूसरे इलाकों में भी ऐसी कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी
आरोपियों से जुड़ी हुई नहीं है ढहाई गई संपत्तियां
पुलिस ने बताया कि जिन संपत्तियों को ढहाया गया है, वो हिंसा के आरोपियों से संबंधित नहीं है।
जो दो मंजिला इमारत ढहाई गई है, वह अशरफनगर जमात नामक संगठन से संबंधित हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इस जमात से जुड़े कालूमियां शेख ने बताया कि उन्हें 2020 में नोटिस मिला था। सोमवार को अधिकारियों ने उन्हें इस अभियान के बारे में जानकारी दी और मंगलवार को उन्होंने अधिकारियो के साथ मिलकर अतिक्रमण वाली जगह को खाली करवाया।
कार्रवाई
इसी महीने खंभात में चला था बुलडोजर
इसी महीने की 15 तारीख को खंभात में हुई सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की थी। स्थानीय प्रशासन के आदेश पर उन दुकानों पर बुलडोजर चला दिया गया, जहां से पत्थरबाजी की गई थी।
ये दुकानें इलाके में स्थित दरगाह के पास थीं और पुलिस को सबूत मिले थे कि इन दुकानों में पहले से पत्थर लाकर छिपाए गए थे।
पुलिस ने खंभात में हुई घटना को पूर्व नियोजित हिंसा करार दिया था।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के खरगोन में भी चला था बुलडोजर
मध्य प्रदेश के खरगोन में भी रामनवमी के दिन सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। यहां हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि पुलिस को कर्फ्यू लगाना पड़ा।
मामले में कार्रवाई करते हुए राज्य पुलिस ने 95 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा आरोपियों की 50 से अधिक अवैध संपत्तियों को चिन्हित कर उन पर बुलडोजर चला दिया। इनमें दुकानें और मकान शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई का मकसद अपराधियों में भय कायम करना है।
सवाल
राज्य सरकारों की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
अदालतों की तरफ से दोषी ठहराए जाने से पहले आरोपियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई को लेकर मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "कई राज्यों में रामनवमी पर दंगे भड़क गए, आग लग गई, आज उनके मकान तोड़े जा रहे हैं। यह अधिकार तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पास भी नहीं होता है कि बिना तफ्तीश और दोषी ठहराए हुए आप किसी का मकान तोड़ दो।"