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IT नियम मसौदा: एडिटर्स गिल्ड ने कहा- सरकार अकेले नहीं कर सकती फेक न्यूज का निर्धारण
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने नए IT नियमों के मसौदे पर आपत्ति जताई

IT नियम मसौदा: एडिटर्स गिल्ड ने कहा- सरकार अकेले नहीं कर सकती फेक न्यूज का निर्धारण

लेखन नवीन
संपादन मुकुल तोमर
Jan 19, 2023
01:17 pm

क्या है खबर?

पत्रकारों के संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार से IT नियमों के मसौदे से उस प्रावधान को निकालने को कहा है, जिसमें प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो (PIB) द्वारा फर्जी बताए गए समाचारों को हटाने की बात कही गई है। गिल्ड ने कहा कि नए नियम बनाने से पहले सरकार को नियामक ढांचे पर प्रेस निकायों, मीडिया संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा करनी चाहिए, ताकि प्रेस की स्वतंत्रता को कमजोर न हो।

पृष्ठभूमि

क्या है पूरा मामला?

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने मंगलवार को मंगलवार को IT (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का संशोधित मसौदा जारी किया था। संशोधन में कहा गया है कि डिजिटल मीडिया को ऐसी सूचना प्रकाशित नहीं करने दी जाएगी, जिसे PIB की फैक्ट चेक यूनिट ने फेक या झूठा बताया हो और जो जानबूझकर गलत जानकारी दे रही हो। इसी प्रावधान के जवाब में एडिटर्स गिल्ड ने अपना बयान जारी किया है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया

स्वतंत्र मीडिया को दबाने का काम करेंगे नए प्रावधान- गिल्ड

गिल्ड ने अपने बयान में कहा कि फेक न्यूज का निर्धारण सिर्फ सरकार के हाथों में नहीं हो सकता है और ऐसा करने पर प्रेस की सेंसरशिप बढ़ जाएगी। गिल्ड ने कहा, "नई प्रक्रिया से स्वतंत्र मीडिया को दबाना आसान हो जाएगा और PIB या जिस भी संस्था को सरकार फैक्ट चेकिंग का अधिकार देती है, उसके पास बहुत ज्यादा ताकत आ जाएगी। इसके अलावा सरकार मीडिया को उस कंटेट को हटाने को मजबूर कर सकेगी, जिससे उसे दिक्कत है।"

बयान

सरकार की वैध आलोचना का गला घुट जाएगा- गिल्ड

गिल्ड ने यह भी कहा कि मसौदे में लिखे गए 'केंद्र सरकार के किसी काम के संबंध' शब्दों से ऐसा लगता है कि सरकार अपने काम से संबंधित फेक न्यूज का निर्धारण करने का अधिकार खुद को ही दे रही है। उसने कहा कि इससे सरकार की वैध आलोचना का गला घुट जाएगा और प्रेस की सरकार को जिम्मेदार ठहराने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जो लोकतंत्र में उसकी एक अहम भूमिका है।

बयान

गिल्ड ने कहा- IT नियमों पर पहले भी जता चुके हैं आपत्ति

गिल्ड ने कहा कि उसने IT नियमों पर तब भी कड़ी आपत्ति जताई थी जब मार्च, 2021 में इन्हें लाया गया था। उसने कहा कि इनसे केंद्र सरकार को बिना किसी न्यायिक निगरानी के पूरे देश में कहीं पर भी प्रकाशित हुई किसी भी खबर को रोकने, हटाने और बदलवाने का अधिकार मिलता है। उसने कहा कि IT नियमों में कई प्रावधानों ऐसे हैं, जिनमें डिजिटल मीडिया और इसके फलस्वरूप पूरी मीडिया पर अनुचित प्रतिबंध लगाने की क्षमता है।