
अमरनाथ यात्रा आज से शुरू, कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना
क्या है खबर?
आज से अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है। तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बालटाल बेस कैंप से पवित्र गुफा की ओर रवाना हो गया है।
आज गांदरबर के उपायुक्त श्यामबीर, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इसी जत्थे को शुक्रवार तड़के पूजा-अर्चना के बाद उपराज्यपाल और श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने जम्मू बेस कैंप से रवाना किया था।
सुरक्षा
60,000 सुरक्षाकर्मी तैनात
आतंकी हमलों की धमकी को देखते हुए गृह मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40,000 जवानों को तैनात किया गया है।े
जम्मू से लेकर पवित्र गुफा तक पहलगाम और बालटाल दोनों रास्तों पर स्थानीय सुरक्षाकर्मियों के अलावा करीब 60,000 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
मौसम को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) समेत आपदा प्रबंधन टीमों को भी तैनात किया गया है।
पंजीयन
अब तक 3 लाख से ज्यादा पंजीयन
श्राइन बोर्ड के मुताबिक, यात्रा के लिए अब तक 3.40 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीयन कराया है। ये आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है।
हर दिन करीब 15,000 यात्रियों को दोनों रास्तों से गुफा तक भेजे जाने की योजना है। यात्री पैदल मार्ग के अलावा हेलिकॉप्टर से भी दर्शन करने जा सकेंगे।
बेस कैंप से गुफा तक करीब 100 लंगर लगाये गये हैं और कई सड़कों की चौड़ाई को भी बढ़ाया गया है।
दिन
62 दिन चलेगी यात्रा
बता दें कि यात्रा 1 जुलाई से लेकर अगले 62 दिन तक चलेगी। इस साल गुफा में बाबा बर्फानी, माता पार्वती और पुत्र गणेश पूरे आकार में प्रकट हुए हैं, इस वजह से उम्मीद है कि श्रद्धालुओं को लंबे समय तक दर्शन हो सकते हैं।
बालटाल के रास्ते जाने वाले भक्त पहले ही दिन बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकते हैं। तीर्थयात्रियों को रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (RFID) वाले कार्ड जारी किए जा रहे हैं।
रास्ते
गुफा तक पहुंचने के हैं 2 रास्ते
बता दें कि श्रद्धालु 2 रास्तों से होकर पवित्र गुफा तक पहुंच सकते हैं। एक रास्ता पहलगाम से शुरू होता है, जो करीब 46-48 किलोमीटर लंबा है। इससे 5 दिन में गुफा तक पहुंचा जा सकता है।
दूसरा रास्ता बालटाल से शुरू होता है, जो गुफा से 14-16 किलोमीटर दूर है। इस रास्ते से गुफा तक पहुंचने में 1-2 दिन लगते हैं, लेकिन यहां खड़ी चढ़ाई की वजह से कम लोग ही जाते हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
अमरनाथ गुफा जम्मू-कश्मीर के लिद्दर वैली में अमरनाथ पर्वत पर है। कहा जाता है कि साल 1,850 में बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम गडरिए ने पहली बार इस गुफा को देखा था।
ये जगह समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। ये एकमात्र ऐसा शिवलिंग है, जिसका निर्माण प्राकृतिक तरीके से होता है।
इस शिवलिंग के पास में 2 छोटी संरचनाएं भी बनती हैं, जिन्हें माता पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है।