उत्तराखंड: भाजपा विधायक ने लॉन्च की 'मोदी आरती', अब जताई मंदिर बनाने की इच्छा
क्या है खबर?
उत्तराखंड में मसूरी से भाजपा विधायक गणेश जोशी द्वारा गत शुक्रवार को "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आरती" लॉन्च करने के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
कांग्रेस द्वारा इस मामले में प्रधानमंत्री को भगवान का दर्जा दिए जाने को लेकर कड़ी आलोचना की जा रही है।
इसके बाद भी विधायक जोशी ने कोरोनो वायरस को लेकर लागू किए गए लॉकडाउन के खत्म होने पर प्रधामंत्री मोदी की मूर्ति के साथ उनका एक मंदिर बनाने की इच्छा जताई है।
प्रकरण
विधायक जोशी ने राज्य मंत्री की उपस्थिति में लॉन्च की आरती
विधायक जोशी ने कोरोना योद्धाओं के सम्मान में गत 22 मई को आयोजित एक समारोह में "मोदी आरती" लॉन्च की थी और खुले मंच पर इस आरती का उच्चारण किया।
खास बात यह है कि उन्होंने यह आरती समारोह की अध्यक्षता कर रहे उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत की मौजूदगी में लॉन्च की थी।
इस दौरान विधायक ने प्रधानमंत्री की समर्थक डॉ रेणु पंत द्वारा दी गई आरती को लॉन्च किया गया। विधायक ने इसे ऐहितासिक करार दिया।
आरती
प्रधानमंत्री मोदी उपलब्धियों को आरती में किया इस तरह शामिल
मोदी आरती की शुरुआत "गुजरात पुत्र" की प्रशंसा से होती है जो हमेशा जरूरतमंदों की मदद करता है। इसमें बताया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी पूरे विश्व को डराने वाले नेता हैं।
इसके साथ इसमें अमेरिका में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वॉइन भेजने के निर्णय का भी उल्लेख किया गया और उन्हें राम मंदिर निर्माण और अनुच्छेद-370 को रद्द करने का श्रेय भी दिया गया।
इसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी को "आतंकवादियों का हत्यारा" कहा जाता है और उन्होंने पाकिस्तान को हरा दिया।
बयान
"आरती करत हीरा माई"
आरती का समापन "कंचन थार कपूर लाउ थाई, आरती करत हीरा माई (प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन का जिक्र), जो मोदी जी की आरती गावे, भारत देश परमपद पावे। पंक्तियों के साथ किया गया है।" इसमें प्रधानमंत्री के प्रति उनकी आस्थ साफ झलक रही है।
बयान
प्रधामंत्री की पूजा करने में क्या बुराई है- जोशी
विधायक जोशी ने न्यूज 18 को बताया कि वह रोजाना प्रधानमंत्री मोदी की पूजा करते हैं। इससे उन्हें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। प्रधानमंत्री उनके लिए भगवान हैं। अगर वह उनकी प्रशंसा कर रहे हैं तो क्या गलत है।
इस बयान को लेकर विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश ने कहा कि इस तरह के कृत्य एक खतरनाक संस्कृति को दर्शाते हैं। किसी को भगवान के साथ नहीं जोड़ा जा सकता। भाजपा को राष्ट्रीय संकट से निपटने पर ध्यान लगाना चाहिए।
परिणाम
कांग्रेस की ओर से दर्ज कराई गई औपचारिक शिकायत
इस बीच, कांग्रेस के महिल प्रकोष्ठ की ओर से औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई गई है। शिकायत में कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया है कि आरती के जरिए उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है।
युवा प्रकोष्ठ ने भी विरोध दर्ज कराया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह चाटुकारिता और ईश्वर भक्ति (अंध भक्ति) की अती है। यदि भाजपा समर्थक ऐसा करते तो कांग्रेस को आपत्ति नहीं होती।
जानकारी
धस्माना ने लगाया भाजपा द्वारा हिंदू देवताओं का अपमान करने का आरोप
धस्माना ने कहा कि वो और कुछ भी नया प्रयोग कर सकते थे, लेकिन उन्होंने हनुमानजी की आरती में उनकी जगह मोदी का नाम जोड़कर आरती को बदल दिया। इससे पहले वो भगवान शिव का अनादर करते हुए हर-हर मोदी का नारा लगाते थे।
प्रतिक्रिया
कांग्रेस को भाजपा को ज्ञान नहीं देना चाहिए- जोशी
पूरे प्रकरण का विपक्ष की ओर से विरोध किए जाने के बाद भी विधायक जोशी अपने रुख पर अड़े हुए हैं।
उन्होंने मामले में रविवार को कहा कि वह अब प्रधानमंत्री का मंदिर भी बनाने की सोच रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री की आरती लॉन्च कर कुछ भी गलत नहीं किया है।
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें ज्ञान देने वाली कौन होती है? उन्हें कांग्रेस का नहीं जनता का प्रमाण पत्र चाहिए।
बयान
भाजपा ने पूरे मामले से किया किनारा
मामले में भाजपा प्रवक्ता अजेंद्र अजय ने कहा, "यह आरती पार्टी का कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं है। इसे कट्टर समर्थक द्वारा पेश किया गया था, जिसे हमारे विधायक ने मंत्री धन सिंह रावत की मौजूदगी में लॉन्च किया था।"