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    कोरोना वायरस: भारत की 54 प्रतिशत कंपनियों के पास घर से काम देने लायक संसाधन नहीं

    कोरोना वायरस: भारत की 54 प्रतिशत कंपनियों के पास घर से काम देने लायक संसाधन नहीं

    लेखन मुकुल तोमर
    Mar 16, 2020
    05:11 pm

    क्या है खबर?

    कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद दुनियाभर की कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम दे रही हैं। भारत में भी कई कंपनियों ने इस कदम का अनुसरण किया है, लेकिन बड़े पैमाने पर ऐसा करने में एक बड़ा रोड़ा है।

    एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 54 प्रतिशत कंपनियों के पास कर्मचारियों को घर से काम देने के लिए पर्याप्त संसाधन और तकनीक नहीं है। इनमें ज्यादातर छोटी कंपनियां शामिल हैं।

    रिपोर्ट

    IT सर्विस मैनेजमेंट कंपनी 'गार्टनर' ने जारी की रिपोर्ट

    IT सर्विस मैनेजमेंट कंपनी 'गार्टनर' की एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है।

    रिपोर्ट के अनुसार, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी IT कंपनियों के कर्मचारियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य सॉफ्टवेयर की मदद से घर से काम करना आसान है, लेकिन ज्यादातर गैर-IT कंपनियां और लघु उद्योग ऐसा नहीं कर सकते।

    ये कंपनियां पुराने कंप्यूटर और लैपटॉप, खराब इंटरनेट और UPS बैकअप के कारण अपने कर्मचारियों को घर से काम देने में असमर्थ हैं।

    रिपोर्ट

    मैसेजिंग सॉफ्टवेयर्स चलाना नहीं जानते दो-तिहाई कर्मचारी

    रिपोर्ट के अनुसार, गैर-IT कंपनियों और छोटे और लघु उद्योगों के दो-तिहाई कर्मचारियों को गूगल हैंगआउट, स्काइप, जूम, सिस्को वेबएक्स, गो-टू-मीटिंग, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, ग्रुप चैट और डॉक्यूमेंट शेयरिंग आदि सॉ़फ्टवेयर की बेहद कम या बिल्कुल जानकारी नहीं होती है।

    इसके अलावा BPO और KPO कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम नहीं दे सकतीं क्योंकि ऐसी कंपनियों के लिए घर से बैठकें और अन्य तरह का संवाद कर पाना संभव नहीं होता है।

    समस्याएं

    सॉफ्टवेयर्स की कीमत और इंटरनेट की स्पीड बड़ी समस्या

    इसके अलावा एक और अन्य चीज जो कर्मचारियों को घर से काम देने में इन कंपनियों के सामने समस्या खड़ी करती है, वो सॉफ्टवेयर्स की कीमत है। इनमें से कुछ काफी मंहगे होते हैं वहीं कई को केवल ऑफिस से प्रयोग किया जा सकता है और वे लैपटॉप पर काम नहीं करते।

    इसके अलावा ऑफिस का इंटरनेट घर से काम के दौरान उपयोग किए जाने वाले इंटरनेट के मुकाबले आमतौर पर बहुत तेज होता है।

    विशेषज्ञों की राय

    मैन्युफैक्चरिंग, कॉर्पोरेट और शिक्षा क्षेत्र की कंपनियां होंगी सबसे ज्यादा प्रभावित

    विशेषज्ञों के अनुसार, घर से काम देने में असमर्थता के कारण मैन्युफैक्चरिंग, कॉर्पोरेट और शिक्षा क्षेत्र की कंपनियां सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।

    वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इन कंपनियों को अपने संसाधनों और तकनीक में सुधार की जरूरत है। उन्होने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई स्थितियां एक सीख हैं और हर कर्मचारी को आधुनिक डिजिटल कौशलों का प्रशिक्षण देने की जरूरत है ताकि वे किसी भी वैश्विक आपदा से निपट सकें।

    कोरोना वायरस

    भारत में अब तक 114 मामले

    बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के अब तक 114 मामले सामने आ चुके हैं और दो लोगों की इससे मौत हो चुकी है। मरने वालों में दिल्ली की एक महिला और कर्नाटक का एक शख्स शामिल हैं। दोनों की उम्र 60 वर्ष से अधिक थी।

    वायरस के इस प्रकोप के बीच लोगों को साफ-सफाई का ध्यान देने और भीड़ वाली जगहों पर न जाने की सलाह दी जा रही है।

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