गुजरात: सूरत में दर्दनाक हादसा, सेप्टिक टैंक के अंदर दम घुटने से 4 मजदूरों की मौत
क्या है खबर?
गुजरात के सूरत में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां सेप्टिक टैंक के अंदर काम करने के दौरान दम घुटने से 4 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई।
ये घटना पलसाना-कटोदरा रोड पर स्थित एक कपड़ों के रंगाई के कारखाने में हुई है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कारखाने में मौजूद सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान यह हादसा हुआ।
आगे पूरी खबर जानिये।
रिपोर्ट
मजदूरों को तबीयत बिगड़ने पर ले जाया गया अस्पताल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार देर शाम सूरत के पलसाना स्थित कारखाने में मौजूद सेप्टिक टैंक की सफाई करने के दौरान 2 प्रवासी मजदूर दम घुटने से बेहोश हो गए थे।
इस बीच उन्हें बचाने के लिए 2 अन्य मजदूर भी टैंक में उतरे, लेकिन उनकी भी हालत बिगड़ने लगी और वो भी बेहोश होकर वहीं गिर गए।
सभी को आनन-फानन में टैंक से बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस
बिहार के रहने वाले थे चारों मजदूर- पुलिस
गुजरात पुलिस के अनुसार, बुधवार सुबह 6:00 बजे हादसे की सूचना मिली थी, जिसके बाद बाद एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और पता चला कि 4 मजदूरों की टैंक में दम घुटने से मौत हो गई।
बारडोली डिवीजन के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) एच एल राठौड़ ने कहा, "चारों मृतक बिहार के रहने वाले हैं। हम कारखाना के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ कर रहे हैं और मामले की जांच के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।"
हरियाणा
अप्रैल में हरियाणा में भी हुआ था ऐसा हादसा
इसी साल अप्रैल में हरियाणा में भी एक ऐसा ही हादसा हुआ था। यहां झज्जर के बहादुरगढ़ में सेप्टिक टैंक में पाइप लाइन बिछाने गए मजदूरों की मौत हो गई थी।
ये घटना जाखोदा गांव में हुई थी। उस वक्त सेप्टिक टैंक में पाइप डालने के लिए उतरे राजमिस्त्री के बेहोश होने पर 3 अन्य मजदूर टैंक में उतरे, लेकिन दम घुटने के कारण सभी लोगों की मौत हो गई थी।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में सेप्टिक टैंक में सफाई के दौरान दम घुटने से मजदूरों की मौत होती आई हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 5 सालों में सीवरों की सफाई में करीब 330 मजदूर मारे जा चुके हैं।
इस घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में शहरों और कस्बों में सेप्टिक टैंक और सीवरों से गंदगी को बाहर निकालने के लिए 100 प्रतिशत मशीन का उपयोग पर जोर दिया है।