बंगाल और उसके आसपास 2 चक्रवाती तूफानों का खतरा, इन राज्यों में भारी बारिश का अनुमान
बंगाल की खाड़ी में 2 स्थानों पर कम दबाव वाले क्षेत्र बन रहे हैं, जिससे बंगाल और उसके आसपास के क्षेत्रों पर 2 चक्रवाती तूफानों का खतरा मंडरा रहा है। यदि ये तूफान आपस में मिल जाते हैं तो स्थिति भयावह होने की आशंका जताई जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य बंगाल की खाड़ी और इससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जो तूफान बनकर डिप्रेसन में बदल सकता है।
IMD ने कहा- ओडिशा के तटीय इलाकों में बढ़ सकती है हवा की गति
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ओडिशा के तटीय इलाकों में 45-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। इनमें से एक के गंभीर चक्रवात में बदलने की संभावना है। IMD ने बताया कि जब निम्न दबाव का क्षेत्र तीव्र होकर चक्रवाती तूफान बनकर डिप्रेसन में बदलता है, तो इसे 'मिधिली' कहा जाएगा।
IMD ने और क्या कहा?
IMD के वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा कि दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर कम दबाव का क्षेत्र 16 नवंबर को आंध्र प्रदेश तट के पास पश्चिम-मध्य-बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक दबाव में बदल जाएगा। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। उन्होंने बताया कि बाद में यह उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर फिर से मुड़ेगा और 17 नवंबर को ओडिशा तट से उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक जाएगा।
मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगली सूचना तक मछुआरों को 15 से 17 नवंबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने 15 नवंबर को ओडिशा के कुछ तटीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की है। विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में इसकी तीव्रता बढ़ने की संभावना है। 16 नवंबर को अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश होगी। पश्चिम बंगाल के भी कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
एक और तूफान का मंडरा रहा खतरा
डाउन टू अर्थ के अनुसार, मौसम वैज्ञानिकों ने एक और वायु चक्रवाती परिसंचरण देखा है, जो बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों पर बना हुआ है। दक्षिण कोरिया के जेजू नेशनल यूनिवर्सिटी के टाइफून रिसर्च सेंटर के अनुसंधान वैज्ञानिक विनीत कुमार सिंह ने कहा, "इससे निम्न दबाव का क्षेत्र भी उत्पन्न हो सकता है।" एक ही समय में 2 कम दबाव वाले क्षेत्रों के बनने और उनके संपर्क की संभावना है और इस क्रिया को 'फुजिव्हारा प्रभाव' कहा जाता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारतीय हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवाती तूफानों का नाम रखने के लिए एक फॉर्मूला निर्धारित है। इस क्षेत्र के चक्रवातों के नाम 13 देश बारी-बारी रखते हैं। इनमें भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाइलैंड, श्रीलंका, ईरान, कतर, सऊदी अरब, UAE और यमन शामिल हैं।