PM केयर्स फंड में पांच दिन में आए 3,076 करोड़ रुपये, दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक नहीं
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए एक ऑडिट के अनुसार, PM केयर्स फंड को शुरूआती पांच दिनों में 3,076 करोड़ रुपये का दान मिला था। फंड में ये दान देश और विदेश दोनों जगह से आया। हालांकि सरकार ने दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं और इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है कि सरकार दानकर्ताओं के नाम बताने से क्यों डर रही है।
क्या है PM केयर्स फंड?
कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत में जनता से मदद लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM केयर्स फंड का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री मोदी खुद 28 मार्च को स्थापित इस फंड के चेयरमैन हैं, वहीं गृह, रक्षा और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं। आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए बनाया गया ये फंड नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) और सूचना के अधिकार (RTI) के अंतर्गत नहीं आता और इस कारण विपक्षी पार्टियों ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
शुरूआती पांच दिनों में फंड में आया 3076.62 करोड़ रुपये का दान
PM केयर्स फंड की वेबसाइट किए गए एक ताजा ऑडिट के अनुसार, 2.25 लाख रुपये के साथ फंड की शुरूआत की गई और 27 मार्च से 31 मार्च के बीच शुरूआत पांच दिनों के अंदर इसमें 3,076.62 करोड़ रुपये का दान आया। इसमें से 3075.85 करोड़ रुपये देशी दानकर्ताओं से आए, वहीं 39.67 लाख रुपये दान विदेशों से आया। फंड में जमा राशि पर 35 लाख रुपये से अधिक ब्याज भी मिल चुकी है।
चिदंबरम ने पूछा, दयालु दानकर्ताओं के नाम क्यों नहीं बता रही सरकार
हालांकि जिन दस्तावेजों में देशी और विदेशी दानकर्ताओं के नाम दर्ज थे, उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया है और चिदंबरम ने इसी पर सवाल उठाए हैं। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है, "इन दयालु दाताओं के नाम प्रकट नहीं किए जाएंगे। क्यों? प्रत्येक अन्य NGO या ट्रस्ट एक सीमा से अधिक राशि दान करने वाले दानकर्ताओं के नाम प्रकट करने के लिए बाध्य है। इस दायित्व से PM केयर्स फंड को छूट क्यों है?"
दानकर्ताओं के नाम उजागर करने से क्यों डर रहे ट्रस्टी- चिदंबरम
अपने ट्वीट में चिदंबरम ने आगे कहा है, 'दान पाने वाला ज्ञात है। दान पाने वाले के ट्रस्टी ज्ञात हैं, तो फिर ट्रस्टी, दानकर्ताओं के नाम उजागर करने से क्यों डर रहे हैं?'
PMO के अधिकारियों ने किए ऑडिट पर हस्ताक्षर
बता दें कि ऑडिट पर PM केयर्स की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं। PMO में संयुक्त सचिव श्रीकर के परदेशी ने सचिव, वहीं प्रधानमंत्री मोदी के निजी सचिव हार्दिक शाह ने उप सचिव के तौर पर इस पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे PMO के उस दावे पर सवाल उठते हैं जिसमें उसने कहा था कि PM केयर्स एक सार्वजनिक फंड नहीं है। 'सार्क एंड एसोसिएट्स' नामक एक कंपनी ने ये ऑडिट किया है।