सोनिया गांधी की बैठक में युवा सांसद बोले- कांग्रेस के पतन के लिए UPA सरकार जिम्मेदार
क्या है खबर?
गुरूवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई पार्टी सांसदों की बैठक में एक बार फिर से कांग्रेस की अंदरूरी कलह का नमूना देखने को मिला। बैठक में युवा नेताओं ने पुराने और वरिष्ठ नेताओं की तीखी आलोचना की और पार्टी की अंतिम UPA सरकार को उसके पतन के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग करते हुए कहा कि अन्य किसी नेता के नाम पर आम सहमति नहीं है।
रिपोर्ट
वरिष्ठ राज्यसभा सांसदों के चिंता जाहिर करने पर हुई टकराव की शुरूआत
'NDTV' की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ राज्यसभा सांसदों ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दों को भुनाने में पार्टी की नाकामी पर चिंता जाहिर की और इसी से टकराव की शुरूआत हुई।
वरिष्ठ सांसदों ने कहा कि कांग्रेस का आक्रमण बेहद कमजोर और असंगठित रहा है और यह प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में कोई भी सेंध लगाने में नाकाम रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी को अधिक आत्मनिरीक्षण और आपस में विचार-विमर्श की जरूरत है।
निशाना
युवा सांसद बोले- पतन के लिए UPA सरकार में शामिल नेता जिम्मेदार
युवा सांसदों ने वरिष्ठ नेताओं के इस रुख पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राहुल गांधी वीडियो और ट्वीट्स के जरिए लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के पतन के लिए अंतिम UPA सरकार में शामिल रहे नेताओं को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
राजीव सातव ने कहा, "हमें विश्लेषण करना चाहिए कि कांग्रेस ने UPA दौर में कैसा प्रदर्शन किया, मंत्री आखिर कार्यकर्ताओं से क्यों नहीं मिले और हकीकत से उनका वास्ता क्यों टूटा?"
सवाल
2009 में 200 सीट से हम 44 पर कैसे आए- सातव
सातव ने कहा, "आप सभी कह रहे हैं कि हमें आत्मनिरीक्षण की जरूरत है। इसकी शुरुआत घर से होनी चाहिए। 2009 में हम 200 से ज्यादा थे, लेकिन 44 पर कैसे आए। आप सभी उस वक्त मंत्री थे। यह देखा जाना चाहिए कि आप कहां असफल रहे।"
उन्होंने कहा कि ये युवा बनाम वरिष्ठ नेताओं की जंग नहीं है। उन्होंने राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की वकालत भी की।
बयान
कपिल सिब्बल बोले- पार्टी में नहीं होता कोई विचार-विमर्श
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी बैठक में आत्मनिरीक्षण करने की बात कही।
उन्होंने कहा, "हमें पूर्ण आत्मनिरीक्षण की जरूरत है। हां, भाजपा सरकार ने बुरा प्रदर्शन किया है और उस पर हमला करने की जरूरत है, लेकिन हमें खुद को भी देखना होगा और ये देखना होगा कि हमने कैसा प्रदर्शन किया है। पार्टी के अंदर कोई बहस, कोई विचार-विमर्श नहीं होता है। हमें विश्लेषण करने की जरूरत है कि नेतृत्व असफल क्यों रहा।"
जानकारी
बैठक के दौरान एक शब्द भी नहीं बोले मनमोहन सिंह
NDTV के सूत्रों के अनुसार, इस पूरी बहस के दौरान दो बार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूरी तरह से चुप रहे और चार घंटे की बैठक में एक शब्द भी नहीं बोला। बैठक में UPA सरकार में शामिल रहे अन्य कई मंत्री भी मौजूद रहे।