करीमा बलोच कौन थीं और उनकी रहस्यमयी मौत के मामले में ट्रूडो क्यों घिरे हुए हैं?
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना सबूत पेश किए भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद वे भारत के साथ-साथ बलूचियों के निशाने पर भी हैं और बलूचिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता करीमा बलोच की कनाडा में हत्या के मामले में ट्रूडो की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। मामले में कनाडा की बलूच मानवाधिकार परिषद ने कनाडाई प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है।
करीमा बलोच कौन थीं?
करीमा बलोच एक निर्वासित बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता थीं। करीमा ने 2005 में पाकिस्तान स्थित बलूचिस्तान के तुरबत में एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में अपना करियर शुरू किया था। बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद कराने के लिए उन्होंने ऐसा आंदोलन छेड़ा, जिससे पाकिस्तान की हुकूमत परेशान हो गई। करीमा के रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तानी सेना से तंग आ कर वो कनाडा आ गईं और यहीं से अपना आंदोलन चलाती रहीं।
2020 में कनाडा में रहस्यमयी परिस्थितियों में मिला था करीमा का शव
कनाडा में निर्वासन में रह रहीं करीमा 20 दिसंबर, 2020 को अचानक लापता हो गईं। इसके अगले दिन टोरंटो के डाउनटाउन तट पर ओंटारियो नदी के पास संदिग्ध परिस्थितियों में करीमा का शव मिला। टोरंटो पुलिस ने एक बयान जारी कर इसे आत्महत्या करार दिया, जबकि करीमा के रिश्तेदार और समर्थकों ने इसे साजिश करार दिया। इतनी बड़ी नेता की मौत के बाद भी मामले में कनाडा सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया।
मामले में ट्रूडो क्यों घिरे?
करीमा के मामले के विपरीत ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे को न केवल उठाया, बल्कि भारत पर उसकी हत्या कराने का आरोप भी लगाया। करीमा के मामले पर वह बिल्कुल चुप रहे थे। ऐसे में कनाडा की बलूच मानवाधिकार परिषद (BHRC) ने करीमा की संदिग्ध हत्या के मुद्दे को उठाते हुए ट्रूडो और सरकार को घेरा है। BHRC ने 23 सितंबर, 2023 को ट्रूडो को इस मामले में एक चिट्ठी लिखी।
BHRC ने चिट्ठी में क्या लिखा?
ट्रूडो को ये चिट्ठी BHRC के अध्यक्ष डॉ जफर जावेद ने लिखी हैं। इसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत के खिलाफ तेजी दिखाई , लेकिन करीमा बलोच की रहस्यमयी मौत के मामले में पाकिस्तान के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। इस पत्र में ये भी कहा गया है कि दिसंबर, 2020 में करीमा बलोच की मौत के मामले में ट्रूडो सरकार ने अभी तक चुप्पी साध रखी है।
BHRC ने कनाडा सरकार पर क्या सवाल उठाए?
BHRC ने कनाडा सरकार के न्याय पर सवाल उठाते हुए कहा कि निज्जर की हत्या के मामले में संसद में ट्रूडो का बयान और करीमा के मामले में उनकी चुप्पी विरोधाभासी हैं। उसने कहा, "इससे कनाडा सरकार की तरफ से न्याय देने पर सवाल खड़े होते हैं, वो भी तब जब पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में दोषी है।" बलूचिस्तान के संगठनों ने करीमा की हत्या में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ बताया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
19 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की वैंकूवर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने निज्जर हत्याकांड में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है। इसके बाद कनाडा ने भारत के एक राजनियक को निष्कासित कर दिया, जिसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में एक कनाडाई राजनयिक को देश छोड़ने के लिए कहा। एक कदम आगे बढ़कर भारत ने कनाडा में अपनी वीजा सेवाओं पर रोक भी लगा दी है।