'द कश्मीर फाइल्स' के बारे में विवादित बयान देने वाले नदव लैपिड कौन हैं?
इजरायली फिल्ममेकर नदव लैपिड ने जब से अपने एक बयान में विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को "प्रोपेगेंडा और वल्गर" बताया है, सोशल मीडिया पर कोहराम मच गया है। कई लोग नदव को इंटरनेट पर सर्च भी कर रहे हैं, वहीं कुछ ने उनके खिलाफ भारत में बायकॉट अभियान भी चलाया है। वह सोशल मीडिया पर लगातार लोगोें के निशाने पर हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि नदव लैपिड कौन हैं।
सबसे पहले जानिए क्या है विवाद
बीती रात गोवा में आयोजित IFFI 2022 यानी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नदव ने फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को "बेहूदा और प्रोपेगेंडा" बताया। उनके इसी बयान पर बवाल हो गया है। नदव अपने बयान पर चौतरफा घिरते दिख रहे हैं। जहां एक ओर इजरायल के राजदूत ने उन्हें फटकार लगाई तो दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी लोग उनसे माफी की मांग कर रहे हैं। बता दें, 'द कश्मीर फाइल्स' कश्मीरी हिंदुओं के पलायन और दर्द की कहानी है।
ऐसा रहा नदव का शुरुआती जीवन
47 साल के नदव का जन्म इजरायल के शहर तेल अवीव में 1975 में हुआ। उन्होंने तेल अवीव यूनिवर्सिटी से फिलॉसफी (दर्शनशास्त्र) की पढ़ाई की है। फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले नदव ने इजरायल की सेना में अपनी सेवा दी है। सैन्य सेवा देने के बाद ही उन्होंने यरुशलम में सैम स्पीगल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल से डिग्री ली और फिर वह पेरिस चले गए। वह डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
कई सफल फिल्में निर्देशित कर चुके हैं नदव
नदव एक जाने-माने स्क्रीनराइटर और निर्देशक हैं। उन्होंने 'पुलिसमैन', 'एम्युनिशन हिल' और 'द किंडरगार्डन टीचर' जैसी कई शानदार फिल्में दर्शकों के बीच पेश की है। उनकी फिल्म 'सिनोनिम्स' भी लोगों को बेहद पसंद आई थी। 2019 में 69वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में इस फिल्म ने गोल्डन बियर पुरस्कार जीता था। दूसरी तरफ 'पुलिसमैन' को लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में स्पेशल जूरी प्राइज से नवाजा गया था। नदव 'रोड' और 'वाय' जैसी शॉर्ट फिल्मों का निर्देशन भी कर चुके हैं।
कई समारोह में जूरी के सदस्य रह चुके हैं नदव
नदव 2015 के लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी के सदस्य थे। वह 2016 के कान फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक जूरी के सदस्य भी रह चुके है। इसके अलावा नदव 71वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म में आधिकारिक प्रतियोगिता जूरी के सदस्य रहे थे।
...जब किया शोमरोन फिल्म फंड का विरोध
नदव हमेशा अपनी विवादित बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहे। उन पर अक्सर अपने देश के खिलाफ बयानबाजी करने का आरोप लगता रहता है। उनका नाम उन 250 इजरायली फिल्मकारों की लिस्ट में शुमार हैं, जिन्होंने शोमरोन फिल्म फंड के विरोध में एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। बता दें, शोमरोन फिल्म फंड को वेस्ट बैंक में रहने वाले यहूदी लोगों की सहायता के लिए बनाया गया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
नदव का IFFI के साथ पुराना संबंध है। उनकी 2014 में आई फिल्म 'द किंडरगार्टन टीचर' की अभिनेत्री सरित लैरी को इस समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इजरायल के युवाओं पर भी साधा था निशाना
नदव उस समय भी विवादों से घिरे, जब एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी फिल्म 'सिनोनिम्स' के बारे में बात की। उन्होंने कहा था, "इजरायल के ज्यादातर लोगों ने अपनी आत्मा को बेच दिया है। इसके अस्तित्व में कुछ गलत और सड़ा हुआ है।" उन्होंने कहा था, "इजरायल में युवा पुरुष खास हैं, जो डील-डौल हैं, मुस्कुराते हैं। किसी भी मुद्दे पर न तो सवाल करते हैं और न ही संदेह। उन्हें केवल अपने इजरायली होने पर गर्व रहता है।"